नई दिल्ली, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के अनुसार देश मे आदिवासियों के विकास से ही देश मे प्रगति और खुशहाली आ सकती है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने आदिवासियों के विकास पर जोर डालते हुए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं और भविष्य में भी सरकार इससे कोई समझौता नहीं करेगी। दिल्ली के स्वर्ण जयंती सभागार में आधुनिक इंडिया फाउंडेशन और आधुनिक इंडिया द्वारा आयोजित एक राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि कुलस्ते ने आदिवासी इतिहास को दोहराते हुए कहा की भारत की मूल भूखंड के भूमि पुत्र आदिवासी वर्षो से यहां की जल, जंगल और जमीन की रक्षा करते आ रहे है।
अंग्रेजे के खिलाफ सर्वप्रथम विद्रोह भी आदिवासियों ने ही की थी। उन्होंने बिरसा मुंडा और सिद्धो मुर्मू और कान्हो मुर्मू जैसे आदिवासी वीरों को भी श्रद्धा ज्ञापन किया। संगोष्ठी के विषय पर चर्चा करते हुए उन्होंने खास कर असमम के आदिवासियो को मर्यादा प्रदान न करने की वजह से पूर्व सरकारों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि वर्तमान केंद्र और राज्य सरकार मिल कर इस विषय पर गंभीर सोच विचार कर रही हैं।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नन्द कुमार साई ने स्वाधीनता के बाद औद्योगीकरण के नाम पर आदिवासियों को अपने जमीन के हक से वंचित करने पर गंम्भीर नाराजगी व्यक्त की तथा आदिवासियों के बीच नक्सल और माओवादिओं के उत्थान का मूल कारण बताया। पूरे भारत वर्ष में आदिवासियों के संवैधानिक अधिकार दिलाने में वर्तमान के सरकार की गुहार लगाई। उन्होंने कहा की देश के सभी राज्यों में आदिवासियों के अलग-अलग दिए गए दर्जो से देश मे उनके प्रगति पर बाधा आ रही है।
सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से यह भी आग्रह किया कि वे अपने अपने राज्यों से केंद्र सरकार को आयोग के माध्यम से पत्र लिख कर इस समस्या को जल्द से जल्द निपटारा करने का आग्रह करें। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि कोकराझार से सांसद नब कुमार सरनिया ने असम के आदिवासियों के जनजातिकरण के मर्यादा देने में जोअन्य जनजाति संगठन विरोध कर रहे हैं, उनसे अनुरोध किया की आदिवासियों के जनजाति करन से उन्हें किसी भी तरह की संवैधानिक लाभ का हनन नहीं होगा। उन्होंने सभी संगठनों से यह भी आग्रह किया कि आदिवासियों के विकास के लिए सभी एक मंच पर आयें।
सपा के वरिष्ठ नेता उमाशंकर चौधरी का, बैठक के दौरान, दिल का दौरा पड़ने से निधनइस मौके पर आधुनिक इंडिया फॉउण्डेशन के अध्यक्ष दिनेश कुमार चौहान ने स्वागत भाषण में आदिवासियों के साथ देश में हो रहे भेदवाव का जिक्र किया। उन्होंने कहा की भारत सरकार को आदिवासियों के अधिकार के प्रति गंभीरता पूर्वक विचार करना चाहिए। कार्यक्रम में लोकसभा संसद और अभिनेता जॉर्ज बेकर, असम विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष पृथ्वी मांझी, असम के पूर्व मंत्री एतुआ मुंडा, अंडमान के सांसद विष्णुपद राय, पीएफसी के प्रवन्धक पी सी हेम्ब्रम, लेडी हार्डिंग कॉलेज के निर्देशक डॉ जगदीश चंद्र मौजूद रहे।