लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश का भी मंत्रियों ने मान नहीं रखा। मंत्री अपनी संपत्ति का ब्योरा देने से कन्नी काट रहे हैं। तय समय सीमा बीतने के बाद योगी ने मंत्रियों को कड़ा पत्र लिखा है और तीन दिन के भीतर संपत्ति का ब्योरा उपलब्ध कराने को कहा है। इसके अलावा योगी ने मंत्रियों को आचरण संहिता की कॉपी भी भेजी है जिसका उन्हें सख्ती से पालन करना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च को सरकार की कमान संभालने के बाद मंत्रियों के साथ पहली बैठक की थी। इसमें दूसरों के लिए एक नजीर पेश करने के मकसद से अपने सभी मंत्रियों से 15 दिन के भीतर चल व अचल संपत्ति का ब्योरा पार्टी संगठन व मुख्यमंत्री के सचिव को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे मंत्री हैं जिन्होंने यह जानकारी नहीं दी। 15 दिन की जगह करीब 25 दिन इंतजार करने के बाद मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को इस संबंध में फिर पत्र लिखा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने कैबिनेट के मंत्रियों के लिए आचरण संहिता बनाई है और अपने मंत्रियों पर सख्ती करते हुए आचार संहिता लागू की है. इस संहिता के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पत्र के माध्यम से सभी मंत्रियों से हर साल 31 मार्च तक परिसंपत्तियों का ब्योरा देने को भी कहा गया है. योगी की इस आचरण संहिता के मुताबिक मंत्रियों को सोने-चांदी से जुड़ी जानकारी भी देने को कहा गया है. योगी ने मंत्रियों को यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि मंत्री के किसी रिश्तेदार ने किसी विभाग में ठेका तो नहीं लिया.
मंत्री बनने से पहले आय और अगर किसी कंपनी में हिस्सेदारी रही है तो उसका ब्यौरा देने को कहा है. मंत्री बनने से पहले अगर कोई व्यवसाय या आमदनी रही तो उसका विवरण देने को कहा गया है.मंत्री ऐसा कारोबार न करें जो सरकार से जुड़ा हो.
मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को 5 हजार से ज्यादा का उपहार न लेने की ताकीद भी की है. उन्होंने मंत्रियों को थैली भेंट से बचने और दावत एवं दिखावे से बचने की भी सलाह दी है. मंत्रियों को बेवजह की दावतों से दूर रहने की सलाह दी है. सभी मंत्रियों को शासकीय दौरे में निजी आवास या फिर सर्किट हाउस में ठहरने के साथ किसी भी आडम्बर से बचने की सलाह भी दी है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 13 अप्रैल को सभी मंत्रियों को पत्र लिखा. मंत्रियों से तीन दिन के अंदर चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा जमा कराने को कहा गया है. सीएम योगी ने शपथ ग्रहण के चंद दिनों बाद ही सभी अधिकारियों से उनकी चल और अचल संपत्ति का ब्यौरा और जमा किये गए इनकम टैक्स को पंद्रह दिन के अंदर जमा करने का आदेश दिया था