नई दिल्ली, देश के 1.1 अरब मोबाइल फोन उपभोक्ताओं को जल्द ही आधार कार्ड की पहचान के आधार पर नई वेरिफिकेशन (प्रमाणन) कवायद से जूझना पड़ेगा। ऐसा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किया जा रहा है। टेलीकॉम उद्योग का अनुमान है कि इस नई कवायद में कंपनियों पर हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ आएगा।
आधार से वेरिफिकेशन का अर्थ है कि उन्हीं लोगों की सिम चालू रह पाएगी, जिनके पास आधार कार्ड है। मालूम हो, टेलीकॉम कंपनियां पहले ही प्राइस वॉर की प्रतिस्पर्धा से जूझ रही हैं। इस आदेश के तहत सभी लाइसेंसधारियों को अपने सभी उपभोक्ताओं को सुप्रीम कोर्ट की री-वेरिफिकेशन प्रक्रिया की जानकारी देनी होगी।
इसके लिए प्रिंट/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की मदद ली जा सकती है और उपभोक्ता को एसएमएस भी करना पड़ेगा। इस बारे में टेलीकॉम कंपनियों को नोटिस दिया गया है। यह नोटिस सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए उस आदेश के एक महीने के बाद आया है जिसमें सभी उपभोक्ताओं को अपने नंबर आधार कार्ड से जोड़ने को कहा गया था। यह प्रक्रिया 6 फरवरी 2018 से पहले पूरी करना होगी।