आपदा नुकसान को कम करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रयास किये तेज

लखनऊ, मई के महीने में बेमौसम बारिश, तेज हवाएं, ओलावृष्टि और बिजली गिरने जैसी अप्रत्याशित और चरम मौसमी घटनाओं के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार राज्य भर में नुकसान को कम करने और जान-माल की सुरक्षा के लिए अपने प्रयासों को तेज कर रही है। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यहां यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, हाल ही में प्री-मानसून बारिश के दौरान लगभग तीन दर्जन लोगों की जान चली गई, जो मौसम की स्थिति की बढ़ती अप्रत्याशितता और गंभीरता को उजागर करता है।
उन्होंने कहा “ पूरा मानसून सीजन (जून से सितंबर) अभी बाकी है, इसलिए सरकार आपदा से संबंधित हताहतों और नुकसान को कम करने के लिए एक सक्रिय और व्यापक रणनीति अपना रही है।”
सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभागों को समय पर अलर्ट और जन जागरूकता अभियान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा “ लोगों को विशेष रूप से बिजली और तूफान की घटनाओं के दौरान एहतियाती उपायों के बारे में शिक्षित करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। नागरिकों को प्रतिकूल मौसम के दौरान घर के अंदर रहने, खुले मैदानों, ऊंचे पेड़ों, धातु की संरचनाओं, जल स्रोतों से बचने और वास्तविक समय की अपडेट के लिए दामिनी या सैशे जैसे सुरक्षा ऐप डाउनलोड करने की सलाह दी जा रही है। तत्काल सहायता के लिए आपातकालीन हेल्पलाइन नंबरों को भी सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है।”
यह समझते हुए कि जलवायु संबंधी आपदाएं अब मानसून तक ही सीमित नहीं हैं सरकार अपने आपदा प्रबंधन बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए काम कर रही है।
उन्होंने कहा “ जिला-स्तरीय आपातकालीन संचालन केंद्रों को मजबूत करने और आंधी के दौरान जीवन रक्षक प्रथाओं के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए बिजली सुरक्षा कार्यक्रम शुरू करने की योजनाएं चल रही हैं।”
प्रारंभिक चेतावनियों और तैयारियों के अलावा सरकार आपदा के बाद त्वरित सहायता के लिए भी प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा “ मौसम संबंधी त्रासदियों से प्रभावित परिवारों को बिना देरी के भावनात्मक और वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संकट के समय कोई भी पीछे न छूट जाए।”
मौसम विभाग पहले से ही बिजली का पता लगाने वाली प्रणाली स्थापित करने पर काम कर रहा है।
उन्होंने कहा “ मुख्यमंत्री द्वारा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) को दिए गए निर्देशों के बाद, सरकार ने टाइम ऑफ अराइवल (टीओए) तकनीक का उपयोग करके पूरे राज्य में एक उन्नत बिजली का पता लगाने वाली प्रणाली स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह प्रणाली बिजली गिरने के समय और स्थान की भविष्यवाणी करने में अधिक सटीक है। यह किसी विशिष्ट क्षेत्र में बिजली गिरने की संभावना से कम से कम 30 मिनट पहले लोगों को चेतावनी दे सकती है। इस प्रणाली की स्थापना पहले ही चरणों में शुरू हो चुकी है।”