भोपाल, केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने आज कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माण के समय भी संविधान निर्माताओं का यही मत था कि आरक्षण धर्म के आधार पर नहीं होना चाहिए। इसे जाति के आधार पर किया जा सकता है, लेकिन आरक्षण अगर धर्म के आधार पर होगा तो वह देशहित में नहीं होगा।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) और रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर प्रोजेक्ट के बीच ऊर्जा क्रय से संबंधित पावर परचेज एग्रीमेंट के संबंध में आज मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल आए श्री नायडू ने संवाददाताओं से चर्चा में कहा कि संविधान लागू होने के बाद कुछ राज्य सरकारों ने धर्म के आधार पर आरक्षण देने के प्रयास किए थे, मगर न्यायालय द्वारा उन्हें इस बात की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा से धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध किया है, ये मुद्दा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सहयोगी चंद्रबाबू नायडू ने भी उठाया था, तब भी इसका विरोध किया गया था।
नायडू ने कहा कि मंडल आयोग के अनुसार मुस्लिम समाज में भी कुछ पिछड़े वर्ग हैं और भाजपा उनके आरक्षण के पक्ष में है, किसी भी धर्म के पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने का पार्टी समर्थन करेगी, लेकिन धर्म के आधार पर आरक्षण का नहीं। भुवनेश्वर में कल संपन्न हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा ने तय किया है कि आने वाले समय में पार्टी को सभी के दिलों तक पहुंचना है और पार्टी का विस्तार अन्य राज्यों में, खास कर देश के दक्षिणी प्रांतों में करना है। नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों के दिलों तक पहुंच गए हैं, लेकिन अब भाजपा को वहां तक पहुंच कर लोगों को पार्टी से पूरी तरह जोडना है। आंध, प्रदेश के एक भाजपा विधायक टी राजा सिंह द्वारा दिए गए एक विवादित बयान संबंधित सवाल का जवाब देते हुए नायडू ने कहा कि एक व्यक्ति का मत पार्टी का मत नहीं हो सकता। हालांकि उन्होंने माना कि विधायक का बयान गलत था और उनसे इस संबध में जवाब मांगा जाएगा।