आरक्षण रद्द कराने पर रिफंड राशि बैंक खाते में देगी रेलवे

rail-reservationनयी दिल्ली, रेलवे ने नौ, 10, 11 नवंबर को लोगों द्वारा कराये गये रेल आरक्षण को रद्द कराने पर 10 हज़ार रुपये से अधिक की रिफंड की राशि नकद न देकर उसका भुगतान बैंक खाते में करने का फैसला किया है। रेलवे बोर्ड के प्रवक्ता अनिल कुमार सक्सेना ने  बताया कि सरकार द्वारा पांच सौ और एक हज़ार रुपये के नोट रद्द किये जाने के बाद रेलवे की आरक्षित टिकटों की बुकिंग में असामान्य वृद्धि देखी गयी है। लोगों ने लाखों रुपये के टिकट बुक कराये हैं। सतर्कता विभाग के निर्देश पर रेलवे ने इसे रोकने के लिये कुछ कदम उठाये हैं।
रेलवे बोर्ड के प्रवक्ता ने बताया कि ऐसे टिकट बुक कराने के बाद उसे रद्द कराके बाकी राशि को सफेद करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। दस हज़ार रुपये से अधिक की रिफंड राशि का भुगतान नकद नहीं किया जायेगा। टिकट रद्द कराने पर बुकिंग कराने वाले को मूल टिकट टीडीआर फाॅर्म एवं उससे पैन नंबर एवं बैंक खाता नंबर लेकर चेक अथवा इलेक्ट्रानिक भुगतान प्रणाली के माध्यम से बैंक खाते में भुगतान किया जायेगा एवं उस राशि की पूरी जानकारी ली जायेगी।
उन्होंने बताया कि टिकट रद्दीकरण के नियमों के मुताबिक वेटलिस्टेड एवं आरएसी टिकट को गाड़ी के प्रस्थान से आधे घंटे पहले तक और कन्फर्म टिकट के मामले में गाड़ी के प्रस्थान से चार घंटे पहले तक ही रद्द कराया जा सकता है। उन्होंने बताया कि रेलवे बोर्ड ने इस बारे में एक परिपत्र सभी जोनल मुख्यालयों एवं क्रिस को आज भेजा है।
उन्होंने बताया कि 10 हजार रुपये से कम की रिफंड राशि को उपलब्ध होने पर नकद दिया जा सकता है अन्यथा उस वक्त टीडीआर लेकर रिफंड राशि की रसीद दी जायेगी और एक निश्चित समय बाद नकद भुगतान दे दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि रेलवे का सतर्कता विभाग देश भर में रेल अारक्षण प्रणाली पर पैनी निगाह रखे हुए है और वह हर असामान्य गतिविधि पर त्चरित कार्रवाई करेगा।
रेलवे बोर्ड के प्रवक्ता ने यह भी बताया कि सभी गाड़ियों में प्रतीक्षा सूची वाले टिकटों की बुकिंग की सीमा घटायी गयी है। ऐसे में एसी एवं गैर एसी की सभी श्रेणियों के आरक्षण में अब प्रतीक्षा सूची छोटी कर दी गयी है।
गौरतलब है कि मंगलवार रात की प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम विशेष संदेश के बाद देश भर में अफरातफरी मच गयी और लोगों ने अपनी अघोषित संपत्ति के बड़े नोटों को सफेद करने की जुगत में रेलवे आरक्षण का रुख किया। बेंगलुरुए दिल्लीए मुंबईए कोलकाता आदि बड़े शहरों में रेल आरक्षण में अचानक 30 से 40 प्रतिशत वृद्धि देखी गयी जिसके बाद रेलवे का सतर्कता विभाग चौकन्ना हो गया। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इन गतिविधियों पर निगाह रखने के लिये रेलवे बोर्ड में एक समिति का भी गठन किया है।
सूत्रों के अनुसार नौ नवंबर को आरक्षण बुकिंग में 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है। आठ नवंबर को कुल 108 करोड़ रुपये की बुकिंग हुई जबकि अगले दिन नौ तारीख को 124 करोड़ रुपये की बुकिंग हुई। सबसे ज़्यादा असर पश्चिम रेलवे में हुआ। पश्चिम रेलवे में 800 प्रतिशत वृद्धि देखी गयी। आठ नवंबर को सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक 80 लाख रुपये की बुकिंग हुई जबकि अगले दिन एक करोड़ 80 लाख रुपये की बुकिंग हुई। सूत्रों ने बताया कि आठ नवंबर को एसी फर्स्ट में कुल 247 टिकट और एसी टू में कुल 2836 टिकट बुक हुईं और नौ नवंबर को एसी फर्स्ट में कुल 2116 टिकट और एसी टू में कुल 4106 टिकट बुक करायीं गयीं। एक परिवार की टिकट बुकिंग डेढ़ लाख रुपये की हुई।

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