लखनऊ, रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड्स आॅर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) शनिवार से लखनऊ मेट्रो ट्रेन का ट्रायल शुरू कर सकता है। आरडीएसओ ने ट्रेन में जरूरी उपकरण लगा दिया है, इसलिए अब ट्रायल में एक से दो सप्ताह का समय लगेगा।
आरडीएसओ के एक अधिकारी ने बताया कि 22 फरवरी को मेट्रो ट्रेन मिलनी थी, लेकिन इसमें एक दिन की देरी हो गई। ट्रेन मिलने के बाद इसमें सॉकेट और पेस्ट लगाया गया है। इसे सूखने में 24 घंटे का समय लगता है, इसलिए उम्मीद की जा रही है कि शनिवार से ट्रायल शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आरडीएसओ ट्रेन के 70-80 राउंड लगवाएगा। हर राउंड में टेस्ट करने वजह को बदला जाएगा। अधिकारी ने बताया कि अलग-अलग स्पीड में ट्रायल होगा। वहीं अधिकतम 90 किमी. प्रतिघंटा की स्पीड पर भी ट्रेन को दौड़ाया जाएगा। इसके साथ ही ब्रेकिंग सिस्टम, आॅपरेशनल कंट्रोल, ट्रेन के हिलने-डुलने यानी आॅसीलेशन की जांच, ट्रैक्शन व सिग्नल सिस्टम को भी ट्रायल के बीच परखा जाएगा। गौरतलब है कि आरडीएसओ ट्रायल के दौरान मेट्रो की सेफ्टी, ट्रैक, मेट्रो ट्रेन की स्पीड, खाली ट्रेन व भार सहित ट्रेन की टेस्टिंग करता है। यह ट्रायल आरडीएसओ के विशेषज्ञ इंजीनियरों की निगरानी में होता है।