मुंबई, अमेरिकी अर्थव्यवस्था के एक बार फिर से मंदी की चपेट में आने की आशंका में हुई भारी बिकवाली के दबाव में बीते सप्ताह करीब आधी फीसदी गिरे घरेलू शेयर की अगले सप्ताह रिजर्व बैंक (आरबीआई) की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के निर्णय, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के नतीजे तथा पश्चिम एशिया में उत्पन्न तनाव पर नजर रहेगी।
बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 350.77 अंक अर्थात 0.43 प्रतिशत की गिरावट लेकर सप्ताहांत पर 80981.95 अंक पर आ गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 117.15 अंक यानी 0.47 प्रतिशत की गिरावट लेकर 24717.70 अंक रह गया।
समीक्षाधीन सप्ताह में दिग्गज कंपनियों के विपरीत बीएसई की मझौली और छोटी कंपनियों में मिलाजुला रुख रहा। इससे मिडकैप जहां 31.44 अंक अर्थत 0.07 प्रतिशत फिसलकर सप्ताहांत पर 47675.23 अंक पर रहा वहीं स्मॉलकैप 334.94 अंक यानी 0.62 प्रतिशत लुढ़ककर 54629.29 अंक पर आ गया।
विश्लेषकों के अनुसार, बीते सप्ताह कंपनियों के वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही की कमजोर आय और बढ़ा हुआ मूल्यांकन निवेशकों को आश्वस्त नहीं कर रहा है। धातु समूह पर कमजोर नतीजों का असर पड़ा तथा आयात में वृद्धि से घरेलू उद्योगों को नुकसान पहुंचा है। पूंजीगत सामान और रियल एस्टेट क्षेत्र पर मुनाफावसूली का दबाव रहा जबकि ऑटो क्षेत्र को उम्मीद से कम मासिक बिक्री आंकड़ों के कारण नुकसान उठाना पड़ा है।
वैश्विक स्तर पर आर्थिक वृद्धि में कमजोरी के संकेत दिख रहे हैं, जो बढ़ते व्यापार तनाव, पश्चिम एशिया में संघर्ष और लगातार बढ़ती महंगाई के कारण और भी गंभीर हो गया है। बैंक ऑफ जापान (बीओजे) ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की, जिसका जापानी बाजार पर असर पड़ा है जबकि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व कमजोर रोजगार आंकड़ों के कारण सितंबर में ब्याज दरों में कटौती पर विचार कर रहा है। भविष्य में आरबीआई भी ऐसा ही कर सकता है लेकिन उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई में हाल की बढ़ोतरी चिंता का विषय है। चीन विकास में मंदी का सामना कर रहा है, जिससे आर्थिक गति को बहाल करने के लिए अतिरिक्त नीतिगत उपाय आवश्यक हो गए हैं।
शेयरों के प्रीमियम मूल्यांकन, पहली तिमाही के कमजोर नतीजे और वैश्विक बाजार में जारी सुदृढ़ीकरण के कारण अगले सप्ताह बाजार में मजबूती की संभावनाएं बढ़ गई हैं। अगले सप्ताह 06 से 08 अगस्त को आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की होने वाली अगली द्विमासिक समीक्षा बैठक के निर्णयों पर बाजार की नजर रहेगी। हालांकि उम्मीद है कि आरबीआई नीतिगत दरों पर यथास्थिति बरकरार रखेगा।
इसके साथ ही अगले सप्ताह भारती एयरटेल, ओएनजीसी, सेल, एनएचपीसी, ओआईएल, बीईएमएल, टाटा पावर, टीवीएस मोटर, आयोकॉन, ल्यूपिन, अपोलो टायर, एमआरएफ और इरकॉन समेत कई दिग्गज कंपनियों के वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-जून तिमाही के परिणाम जारी होने वाले हैं। बाजार को दिशा देने में इन कारकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
बीते सप्ताह बाजार में चार दिन तेजी जबकि सप्ताहांत पर भारी गिरावट रही। वैश्विक स्तर से मिले सकरात्मक संकेतों के साथ ही घरेलू स्तर पर कैपिटल गुड्स, इंडस्ट्रियल्स, तेल एवं गैस और रियल्टी जैसे समूहों में हुयी लिवाली के बल पर सोमवार को सेंसेक्स 23.12 अंक बढ़कर 81355.84 अंक और निफ्टी 1.25 अंक उठकर 24836.10 अंक पर रहा। विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर मुनाफावसूली के दबाव के बावजूद यूटिलिटीज, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, पावर और तेल एवं गैस समेत सोलह समूहों में हुई लिवाली की बदौलत मंगलवार को सेंसेक्स 99.56 अंक की मजबूती के साथ 81,455.40 अंक और निफ्टी 21.20 अंक की बढ़त लेकर 24,857.30 अंक पर पहुंच गया।
बैंक ऑफ जापान के ब्याज दर में बढ़ोतरी करने से विश्व बाजार में आई तेजी से उत्साहित निवेशकों की यूटिलिटीज, धातु, पावर और हेल्थकेयर समेत सत्रह समूहों में हुई लिवाली की बदौलत बुधवार को सेंसेक्स 285.94 अंक की छलांग लगाकर 81,741.34 अंक और निफ्टी 93.85 अंक उछलकर 24,951.15 अंक पर पहुंच गया।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल के सितंबर से ब्याज दर में कटौती शुरू करने के सुझाव के बाद विश्व बाजार में गिरावट आने के बावजूद स्थानीय स्तर पर पावरग्रिड, एनटीपीसी, मारुति और रिलायंस समेत पंद्रह दिग्गज कंपनियों में हुई लिवाली की बदौलत गुरुवार को सेंसेक्स 126.21 अंक की मजबूती के साथ 81,867.55 अंक के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इसी तरह निफ्टी 59.75 अंक की बढ़ोतरी लेकर पहली बार 25 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 25,010.90 अंक पर बंद हुआ।
अमेरिका के निराशाजनक आंकड़ों से दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की संभावित मंदी से सहमे विश्व बाजार के नकारात्मक रुझान के दबाव में स्थानीय स्तर पर धातु, रियल्टी, ऑटो और आईटी समेत उन्नीस समूहों में हुई बिकवाली से शुक्रवार को शेयर बाजार में भूचाल आ गया और दोनों मानक सूचकांक सेंसेक्स-निफ्टी की पिछले लगातार पांच दिन की तेजी थम गई। सेंसेक्स 885.60 अंक की भारी गिरावट के साथ पांच दिन के बाद 81 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के नीचे 80,981.95 अंक पर आ गया और निफ्टी 293.20 अंक टूटकर 25 हजार अंक के शिखर से लुढ़ककर 24,717.70 अंक पर बंद हुआ।