इंडियन ओपन में रहेंगी इंडियन पर निगाहें

golfगुड़गांव, गत चैंपियन एसएसपी चौरसिया, देश के शीर्ष गोल्फर अनिर्बाण लाहिड़ी, तीन बार के चैंपियन ज्योति रंधावा और देश के उभरते गोल्फर गुरुवार से यहां डीएलएफ गोल्फ एंड कंट्री क्लब में शुरु होने वाले 17.50 लाख डॉलर की पुरस्कार राशि वाले हीरो इंडियन गोल्फ टूर्नामेंट में दमदार चुनौती पेश करेंगे। भारत के मेजर कहे जाने वाले इंडियन ओपन में इस बार 12 पूर्व चैंपियनों की शानदार दावेदारी रहेगी। इन पूर्व चैंपियनों ने 16 बार इस खिताब को अपने नाम किया है और इंडियन ओपन के 53 वर्षों के इतिहास में पूर्व चैंपियनों के एक साथ इस टूर्नामेंट में उतरने की यहां सर्वाधिक संख्या है।

पूर्व पांच चैंपियनों में गत चैंपियन भारत के एसएसपी चौरसिया समेत पिछली पांच बार के चैंपियन उतरेंगे। इनमें से चौरसिया (2016), अनिर्बाण लाहिड़ी (2015), सिद्दीकुर रहमान (2013, थावोर्न विराटचांट (2012) तथा डेविड ग्लीशन (2011) शामिल हैं। रिकार्ड कार्लबर्ग (2010) को छोड़कर वर्ष 2004 से अब तक के सभी चैंपियन इसमें हिस्सा ले रहे हैं। चौरसिया यदि इस बार अपना खिताब बचा जाते हैं तो वह हमवतन ज्योति रंधावा के बाद इंडियन ओपन का खिताब बचाने वाले दूसरे गोल्फर बन जाएंगे। रंधावा ने 2006 और 2007 में दिल्ली गोल्फ क्लब में लगातार खिताब जीतकर इस टूर्नामेंट में अपनी खिताबी हैट्रिक पूरी की थी।

38 वर्षीय चौरसिया एशियन टूर में पांच बार के विजेता हैं और उन्होंने पिछले साल यह खिताब दिल्ली गोल्फ क्लब में जीता था। लेेकिन इतिहास दोहराने के लिये इस सप्ताह उन्हें गुडगांव के डीएलएफ गोल्फ एंड कंट्री क्लब में यह कारनामा करना होगा। चौरसिया ने कहा कि डीएलएफ दिल्ली गोल्फ क्लब के मुकाबले बिलकुल अलग है। यहां कुछ होल के क्षेेत्र मुश्किल है लेेकिन यह सभी के लिये एक समान होगा। मैं अपना शत प्रतिशत प्रदर्शन देने की कोशिश करूंगा। मैं यहां चार बार उपविजेता रहा था लेेकिन पिछले साल मैंने उन तमाम निराशाओं को पीछे छोड़ते हुए खिताब जीत लिया।

मैं उम्मीद करता हूं कि इस बार भी खिताब मेरे नाम ही रहे। देश के नंबर एक गोल्फर और यहां 2015 में चैंपियन रह चुके लाहिड़ी ने कहा कि डीएलएफ गोल्फ कल्ब दिल्ली गोल्फ क्लब से काफी अलग है। दिल्ली में भारतीयों का दबदबा रहता था। लेकिन यहां मुकाबला काफी खुला रहेगा। यह नया गोल्फ कोर्स है और यह पहले के मुकाबले अलग होगा। लाहिड़ी ने 2015 का खिताब अपने नाम किया था। वर्ष 2013 में लाहिड़ी और चौरसिया दोनों संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर रहे थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button