लखनऊ, समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को कहा कि इन्वेस्टर्स समिट में वाहवाही लूटने के फेर में करोड़ों गंवाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने अब जनता से वसूली की योजना बना ली है।
अखिलेश यादव ने यहां जारी बयान में कहा कि बसों का किराया 24 प्रतिशत बढ़ाकर भाजपा सरकार ने ग्लोबल समिट का खर्च जनता की जेब से निकालना चाहती है। सरकार को मालूम है कि न अब तक पिछला निवेश जमीन पर दिखा है और नहीं अगले की उम्मीद है। अमीरों की पोषक भाजपा ने महंगाई को गरीब और आम जनता की नियति बना दिया है। भाजपा वस्तुतः अपने भ्रष्टाचार का बोझ जनता पर डालने की रणनीति पर जुट गयी है।
उन्होने कहा कि भाजपा ने सत्ता में छह साल बिता दिए हैं लेकिन अपना एक भी प्रोजेक्ट सामने नहीं ला सकी है। भाजपा ने बदले की भावना के कारण समाजवादी सरकार द्वारा कराये गये विकास कार्य को बर्बाद कर दिया लेकिन जब कुछ अपना बना नहीं दिखा सके तो पुराने लखनऊ में बंद पड़े फाउन्टेन और लाइट्स को दुबारा शुरू करा दिया गया है। सुबह से शाम तक जनेश्वर मिश्र पार्क खुला रखा जा रहा है। रिवर फ्रन्ट सजाकर गोमती में नौका विहार का आनंद दिलाया जा रहा है,आखिर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आए आगंतुको को कुछ तो दिखाना ही है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी सरकार में बने जिस सोलर प्लांट का उद्घाटन पूर्व राष्ट्रपति एपीजे कलाम ने किया था, वह भाजपा सरकार में बजट के अभाव में बंद पड़ा है। जेपी इंटरनेशनल जैसा महत्वाकांक्षी निर्माण देखरेख के अभाव में बर्बाद हो रहा है जबकि समिट के अधिवेशन और सत्रों के लिए उसका बेहतर उपयोग हो सकता था। उत्तर प्रदेश की जनता कह रही है कि आगामी इन्वेस्टर्स समिट में भाजपा सरकार में बंद पड़े प्लान्टों, कारखानों और उद्योगों के भी होर्डिग लगानी चाहिए।
उन्होने कहा कि भाजपा सरकार शिक्षा के क्षेत्र में केवल 1.57 करोड़ रूपए के निवेश के लिए बड़ा प्रचार कर रही है और निजी विश्वविद्यालयों, कालेजों से लेकर हर छात्र-छात्रा को इस तथाकथित विशाल धनराशि के लाभ का डंका पीट रही है जबकि ये राशि प्रति छात्र-छात्रा एक पैसे से भी बहुत कम है।