गोरखपुर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार के अंतर विभागीय समन्वित प्रयास से आज उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस समाप्ति के कगार पर है और बहुत शीघ्र इसे पूर्णतः समाप्त कर इसके उन्मूलन की घोषणा की जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी मंगलवार सुबह गोरखपुर में स्थित बीआरडी मेडिकल कॉलेज से विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान का शुभारंभ करने के बाद कहा कि इंसेफेलाइटिस पर नियंत्रण देश और दुनिया के सामने एक सफलतम मॉडल है।
उन्होंने 31 अक्टूबर तक चलने वाले इस विशेष अभियान के लिए जन जागरूकता प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और साथ ही दो आशा कार्यकत्री और दो आंगनबाड़ीकर्मी को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया।उन्होंने आयुष्मान योजना के चार लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड भी प्रदान किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की तरफ से वर्ष 2017 से डेंगू, मलेरिया, इंसेफेलाइटिस, कालाजार, चिकनगुनिया जैसे संचारी रोगो के नियंत्रण के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा। छह वर्षों के दौरान इसके बहुत अच्छे परिणाम आए हैं। सरकार वर्ष में तीन बार अंतर विभागीय समन्वय के माध्यम से संचारी रोग नियंत्रण के लिए विशेष अभियान चलाती है। अक्टूबर से जनवरी तक चलने वाले इस विशेष अभियान में पहले 15 दिन का कार्यक्रम जनजागरण के साथ अंतर विभागीय जिम्मेदारी का निर्वहन करने के लिये है। उन्होंने कहा कि 16 से 31 अक्टूबर तक आशा कार्यकत्री द्वारा घर.घर जाकर दस्तक अभियान के माध्यम से सभी घरो में जाकर बीमारों को चिह्नित कर उनके उपचार की समुचित व्यवस्था करने में योगदान देंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश की सर्वाधिक आबादी वाला राज्य है जिसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश इंसेफेलाइटिस से प्रभावित रहा है। वर्ष 2017 से पहले बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इस मौसम में 500 से 600 मरीज भर्ती रहते थे। प्रतिवर्ष पूरे प्रदेश में 1200 से 1500 बच्चों की मौत इससे होती थी। अकेले बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 500 से 600 बच्चों की मृत्यु इंसेफेलाइटिस से होती थी और अब बीमारी और मौतों को संख्या इतिहास बनने वाली है।
उन्होंने कहा सरकार ठान ले और लोग साथ दें तो असाध्य कही जाने वाली बीमारी को भी समाप्त होने में बहुत समय नहीं लगता है। इंसेफेलाइटिस इसका उदाहरण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बरेली, बदायूं एवं उसके आसपास के क्षेत्र में डेंगू और मलेरिया तथा बुन्देलखण्ड चिकनगुनिया से ग्रस्त रहता था। फिरोजाबाद, मथुरा, आगरा, कानपुर, लखनऊ से लेकर वाराणसी तक डेंगू व्यापक रूप से प्रभावी था। वाराणसी से लेकर कुशीनगर के क्षेत्र तथा बिहार से सटे क्षेत्रों में कालाजार की बीमारी जन जीवन को प्रभावित करती थी। यह सब स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए चुनौती थी मगर जब अंतर विभागीय समन्वय से स्वास्थ्य विभाग को नोडल एवं अन्य विभाग जैसे नगर निकाय, पंचायतीराज, महिला एवं बाल विकास तथा प्राथमिक शिक्षा विभाग, दिव्यांगजन कल्याण विभाग आदि को जोड़कर कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ और सभी विभागों को उनके लक्ष्य देकर इसे आगे बढ़ाया गया तो परिणाम आज सबके सामने है।
उन्होंने कहा कि एईएस] एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के मामले के लिए स्वच्छता बहुत जरूरी है। स्वच्छता के लिए विभिन्न कार्यक्रम तथा शुद्ध पेयजल के लिए हर घर नल की योजना संचालित की जा रही है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के लिए ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में महात्मा गांधी की जयंती पर स्वच्छाजंलि कार्यक्रम चलाया गया। यह बापू के लिए सबसे बड़ी श्रद्धाजंलि थी क्योकि स्वच्छता उनका सबसे प्रिय विषय था। उनको पता था कि गंदगी से उत्पन्न बीमारी से व्यक्ति की सामर्थ्य और शक्ति कमजोर हो जाती है।