इटावा, अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य राममंदिर में विधानसभा अध्यक्ष के साथ जाने से इंकार करने वाले समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने गृहनगर इटावा में भगवान शिव का भव्य और दिव्य मंदिर बनवा रहे हैं।
लखनऊ में सपा कार्यालय में केदारेश्वर महादेव मंदिर के लिए लाए गए शालिग्राम शिला की अखिलेश ने पत्नी डिंपल और चाचा शिवपाल के साथ पूजा अर्चना की। उनके साथ पूर्व आईएएस अधिकारी आलोक रंजन और रामजीलाल सुमन के अलावा पार्टी के कइ प्रमुख नेता शामिल थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आह्वान पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सभी विधायकों से अयोध्या धाम के दर्शन करने की अपील की थी जिस पर अखिलेश ने इंकार करते हुये कहा था कि पहले शिव दर्शन करेंगे, उसके बाद अयोध्या में राम मंदिर दर्शन के लिए जाएंगे।
अखिलेश के शिव मंदिर के निर्माण कराने को लेकर यहां राजनीति हलकों में कयास लगाये जा रहे हैं कि सपा अध्यक्ष लोकसभा चुनाव में धर्म विशेष के वोट साधने के लिए मंदिर का निर्माण इटावा में करवा रही है। हालांकि केदारेश्वर मंदिर का निर्माण कार्य 2020 से इटावा शहर के लायन सफारी के सामने शुरू किया गया था और तमाम परेशानियों के बाद इस मंदिर का निर्माण 95 फ़ीसदी तक पूरा हो गया है। इस मंदिर का मुख्य भाग एक माह में लगभग पूरा हो जाएगा, शेष काम में अभी एक वर्ष और लगने की बात सामने आ रही है।
मंदिर निर्माण कार्य में जुटे आर्किटेक्ट के मुताबिक यह मंदिर करीब 2000 साल तक अपनी जीवन यात्रा पूरी करेगा क्योंकि इस मंदिर में जो पत्थर इस्तेमाल किया जा रहा है वह पत्थर कन्याकुमारी में ही पाया जाता है इसके बारे में ऐसा कहा जाता है कि यह पत्थर करीब दो से चार लाख साल पुराना है।
मंदिर निर्माण से जुड़े एक कारीगरो का कहना है कि अखिलेश यादव के ऊपर शिव की कृपा है। नही तो इस तरह का भव्य दिव्य मंदिर यहां बनना असंभव सी बात है। इटावा में निर्माणधीन यह मंदिर केदारनाथ मंदिर की दूसरी प्रतिकृति मानी जा रही है।
अखिलेश ने मंदिर का निर्माण हवन पूजन के साथ किया था और मंदिर की प्रगति को देखने के लिए वह,पत्नी डिंपल यादव और उनके चाचा पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव भी समय-समय पर आते रहते है।
इस मंदिर के निर्माण में जो तकनीक इस्तेमाल की जा रही है वह आधुनिक तकनीक नहीं है बल्कि पुरातन तकनीक का ही इस्तेमाल किया जा रहा है बड़े-बड़े काले पत्थरों को तरासे जा रहे है उनको पेस्ट के माध्यम से जोड़ा जा रहा है।
मंदिर परिसर में नंदी की एक बड़ी मूर्ति स्थापित की गई है जिसका वीडियो खुद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया एक अकाउंट से पोस्ट किया है।
इसके अलावा एक दूसरी नंदी की मूर्ति गर्भ ग्रह के ठीक सामने स्थापित की जायेगी। महाभारत के सभी महत्वपूर्ण पात्र भगवान श्री कृष्ण, युधिष्ठिर,अर्जुन,नकुल सहदेव और द्रौपदी आदि की बड़ी-बड़ी मूर्ति भी लगाई जा रही है। यह मंदिर ज्योतिर्लिंग देशांतर रेखा पर बनाया जा रहा है। ऐसे में इसका देश दुनिया में बड़ा महत्व होगा। मंदिर का भव्य शुभारंभ 2025 में होने की उम्मीद है।
अखिलेश यादव कहते हैं कि वह जितना राम को मानते और पूजते हैं उससे कहीं अधिक कृष्ण को भी पूजते है। राम,कृष्ण में वह कोई अंतर नहीं मानते हैं सब सृष्टि पालनकर्ता विष्णु के ही अवतार हैं।