नई दिल्ली, वेतनभोगी तबके के लिये आयकर रिटर्न भरने के वास्ते एक छोटा नया फार्म एक अप्रैल से उपलब्ध हो जायेगा। आयकर विभाग ने इस फार्म में कुछ बिंदुओं को हटा दिया है जिससे यह छोटा और अधिक सरल बन गया है। वेतन और ब्याज आय वाले व्यक्तिगत करदाताओं के लिए फार्म में सूचना भरने के लिए पहले से कम खाने होंगे। आय कटौती के दावों से जुड़े कुछ खानों को आईटीआर-1 फार्म में शामिल कर दिया गया है। इस फार्म का नाम सहज रखा गया है।
निर्धारण वर्ष 2017-18 के रिटर्न फार्म में आयकर के अध्याय छह-ए के तहत किये जाने वाले विभिन्न कटौती के दावों की जानकारी से जुड़े खाने हटा दिया गये है और केवल उन्हीं बिंदुओं को इसमें रखा गया है जिन्हें आमतौर पर इस्तेमाल में लाया जाता है। एक अधिकारी ने बताया, जिन बिंदुओं को इस फार्म में शामिल किया गया है उनमें आयकर की धारा 80सी, 80डी के तहत मिलने वाली कटौतियां शामिल हैं। इसके अलावा जो व्यक्तिगत करदाता अन्य मदों में कर कटौती चाहते हैं वह इसके लिये विकल्प चुनकर जानकारी दे सकते हैं।
वर्तमान में जो आईटीआर 1-सहज फार्म है उसमें आयकर अधिनियम की धारा-80 के तहत 18 अलग अलग बिंदु अथवा पंक्तियां हैं। इस धारा के तहत जीवन बीमा, पीपीएफ, सावधि बैंक जमा सहित विभिन्न प्रकार के निवेश एवं बचत पर 1.50 लाख रुपये तक की कटौती का दावा किया जा सकता है। इसी प्रकार धारा 80डी के तहत चिकित्सा बीमा प्रीमियम भुगतान की कुल आय में से कटौती का प्रावधान है। अधिकारी ने कहा, फार्म अधिसूचित कर दिये गये हैं और आयकर विभाग के वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
आईटीआर-1 से लेकर आईटीआर 6 तक फार्म उपलब्ध हैं। अधिकारी ने कहा कि सरकार की इस पहल का मकसद लोगों को रिटर्न दाखिल करने के लिये प्रोत्साहित करना भी है। वर्तमान में स्थायी खाता संख्या रखने वाले 29 करोड़ लोगों में से केवल छह करोड़ ही आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं। रिटर्न दाखिल करने के लिये ई-फाइलिंग की सुविधा एक अप्रैल से उपलब्ध हो जायेगी और इसे 31 जुलाई तक भरा जा सकता है। रिटर्न फार्म भरते समय करदाता को अपना पैन, आधार नंबर, व्यक्तिगत सूचना और जानकारी देनी होगी इसके साथ ही उसके द्वारा भरे गये कर, टीडीएस की जानकारी स्वतः ही उसमें आ जायेगी।
एक जुलाई के बाद से करदाताओं के लिये आधार नंबर अथवा आधार नंबर के लिये आवेदन किया गया है उसकी जानकारी देना जरूरी है। इसके साथ ही ई-फाइलिंग वेबसाइट में ऑनलाइन ही कर गणना के लिये केलकुलेटर भी होगा। कोई भी व्यक्ति अथवा हिन्दु अविभाजित परिवार जिनकी व्यावसाय से कोई आय नहीं है आईटीआर 1-सहज, आईटीआर 2 और 2ए में रिटर्न दाखिल कर सकता है। ऐसे व्यक्ति अथवा हिन्दु अविभाजित परिवार जिनकी व्यावसाय से आय है और उनका कर निर्धारण अनुमानित आधार पर होता है वह अपनी रिटर्न आईटीआर 4एस-सुगम फार्म में भर सकते हैं।