नई दिल्ली,नागरिकों और पार्षदों के फोन से बचने के लिए यदि जल विभाग के अधिकारी अपना फोन स्विच ऑफ कर लेते हैं तो उन्हें एक दिन की सैलरी गंवानी पड़ेगी. खासतौर पर पानी की कटौती के वक्त यदि उनका फोन बंद पाया जाता है तो उनके खिलाफ ऐक्शन लिया जा सकता है. कॉर्पोरेटर्स और नागरिकों की ओर से पानी की सप्लाई में लापरवाही बरते जाने की तमाम शिकायतों के बाद कोल्हापुर म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने यह फैसला लिया है.
मोबाइल फोन के जरिए आने वाली शिकायतों को दूर करने या फिर उनकी रिपोर्टिंग करने से बचने के लिए अकसर जल बोर्ड के अधिकारी और कर्मचारी अपना फोन ही स्विच ऑफ कर लेते हैं. हाल ही में स्थानीय निकाय की मीटिंग के दौरान पार्षदों ने जल बोर्ड के अधिकारियों के इस रवैये के खिलाफ ऐक्शन लेने की मांग की थी. बता दें कि महाराष्ट्र का कोल्हापुर पानी की समस्या से जूझ रहे जिलों में से एक हैं.
पार्षदों का कहना था कि अकसर ऐसे मामले सामने आते हैं कि पानी की समस्या से जूझ रहे लोग जब अपनी शिकायत जल बोर्ड तक पहुंचाना चाहते हैं तो अफसरों और कर्मचारियों के फोन ही बंद पाए जाते हैं. कोल्हापुर म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि यह फैसला गैर-जिम्मेदार अधिकारियों पर निगरानी रखने और वार्ड लेवल के स्टाफ मेंबर्स पर सख्ती बरतने के लिए लिया गया है. ज्यादातर समस्याएं आम लोग फोन पर ही दर्ज कराते हैं और अधिकारियों को 24 घंटे उपलब्ध रहना चाहिए. हमने जल बोर्ड के अधिकारियों से कहा है कि वे पानी कमी से जुड़ी समस्याओं और उनके निदान का डेटा भी जुटाएं.