इन इस्लामिक देशों से तो बहुत बेहतर जिंदगी भारत के मुसलमान जी रहे -कल्बे जव्वाद
December 23, 2018
जौनपुर , शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह और अन्य मुस्लिम अभिनेता गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे है। हालांकि कुछ हादसे जरुर हुए है लेकिन पूरी दुनिया में जिस तरह से हालात हैं उससे भारत में मुसलमान पूरी तरह सुरक्षित है।
मौलाना कल्बे जव्वाद नगर के मुफ्ती हाउस इमामबाड़े में स्व0 सै0 कासिम हुसैन की मजलिसे बरसी में शामिल होने पहुंचे थे। उन्होंने संवादादाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि भारत में मुसलमान पूरी तरह सुरक्षित है और जिस तरह से कहा कि इस्लामिक देश इजराइल, सीरिया, फिलिस्तीन, पाकिस्तान और अन्य देशों में मुसलमानों का कत्ले आम किया जा रहा है उससे तो बहुत बेहतर जिंदगी भारत के मुसलमान जी रहे हैं और वे यहां पूरी तरह सुरक्षित हैं।
उन्होंने कहा कि भारत हमारा मुल्क है और हम सब यहां आजादी के साथ रह रहे है। यह हमारे के लिए फक्र की बात है। आगामी 2019 के लोकसभा चुनाव के बारे में उन्होंने कहा कि शिया कौम उसको वोट करेगी जो उनकी कौम को नुकसान नहीं पहुंचाएगा। उन्होंने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर जमकर हमला करते हुए कहा कि इनकी हुकुमतों के दौरान हमें फायदा तो पहुंचाया नहीं बल्कि नुकसान तो बहुल ज्यादा पहुंचाया गया। इसकी तुलना में भाजपा सरकार में हमें यदि फायदा नहीं पहुंचा तो नुकसान भी नहीं पहुंचा।
कांग्रेस पर अपनी भड़ास निकालते हुए मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि सच्चर कमेटी की सिफारिशें कांग्रेस जब लागू नहीं कर सकी तो अन्य सरकारों से क्या उम्मीद की जाय। उन्होंने कहा कि सच्चर कमेटी की सिफारिशें लागू होती है तो मुसलमानों को और बेहतर जिंदगी जीने का मौका मिलेगा। इसके पूर्व मजलिस को खेताब करते हुए उन्होंने कहा कि इस्लाम को बचाने में हजरत इमाम हुसैन ने जो कुर्बानी दी है उससे शायद ही कोई भूला सकता है। आज जो इस्लाम की दूसरी सूरत पेश की जा रही है वो यजीद के मानने वाले हैं ऐसे में उनसे बचने की जरुरत है।
राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी में से कौन बेहतर प्रधानमंत्री हो सकता है के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो हमारे समाज के उत्थान के लिए काम करेगा वहीं हमारे देश का बेहतर प्रधानमंत्री होगा। तीन राज्यों में कांग्रेस की जीत पर मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि 15 सालों से दो राज्यों में भाजपा की सरकारें थी और राजस्थान में हर पाँच साल में सरकार बदलती है। ऐसे में जनता ने अपने हिसाब से सरकारें चुनी और हम सब उम्मीद करते हैं कि वो जनहित में कार्य करेगी।