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इन किसानो का लाइसेंस हुआ रद्द…

चित्तौड़गढ़, रामलाल जाट की समृद्ध भविष्य की उम्मीद पिछले वर्ष तब टूट गई थी जब अफीम की खेती करने का उनका लाइसेंस इसलिए रद्द हो गया क्योंकि उन्होंने केंद्र सरकार की नयी नीति में उल्लेखित मात्रा से 20 ग्राम कम मॉरफीन उपजाई। चित्तौड़गढ़ को अच्छी गुणत्ता वाली अफीम की उपज के लिए जाना जाता है। अफीम की खेती सरकार द्वारा नियंत्रित होती है। अफीम का इस्तेमाल दवा उद्योग में होता है।

क्षेत्र में 68 वर्षीय रामलाल जैसे हजारों किसान हैं जो काफी चिंता में हैं क्योंकि उनके लाइसेंस रद्द हो गए हैं।  भारतीय अफीम किसान विकास समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम नारायण ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में राजस्थान के इस जिले के करीब 15 हजार किसान अपने लाइसेंस गंवा चुके हैं।  चित्तौड़गढ़ में अफीम की खेती करीब 4000 हेक्टेयर जमीन पर होती है। चित्तौड़गढ़ कई धरोहर पर्यटक स्थलों के लिए भी काफी प्रसिद्ध है।

राजस्थान में प्रतापगढ़ के साथ चित्तौड़गढ़ भारत में कुल अफीम का करीब 60 प्रतिशत का उत्पादन करता है। कई किसानों ने कहा कि उन्हें लाइसेंस रद्द होने का डर सता रहा है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि कम से कम इस चुनावी मौसम में कोई उनकी दिक्कतों पर ध्यान देगा।
अफीम के किसानों में चित्तौड़गढ़ में किसी भी राजनीतिक दल के भाग्य का फैसला करने की क्षमता है। चित्तौड़गढ़ में मतदान चौथे चरण में 29 अप्रैल को होगा।

नारायण ने कहा कि भाजपा ने 2014 चुनाव से पहले वादा किया कि यदि वह सत्ता में आयी तो किसानों के रद्द लाइसेंस बहाल कर दिये जाएंगे। यद्यपि केंद्र सरकार ने उनके मुद्दों के समाधान के लिए कुछ भी नहीं किया। नारायण के अनुसार नयी नीति के तहत कोई भी लाइसेंस तब ही जारी किया जा सकता है या उसका नवीनीकरण किया जा सकता है यदि अफीम से प्राप्त मॉरफीन की मात्रा 5.9 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर हो।
उन्होंने समझाते हुए कहा कि हालांकि मॉरफीन की मात्रा किसानों के हाथ में नहीं है। नारायण ने कहा, ‘‘हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि वह प्रति हेक्टेयर 5.9 किलोग्राम की शर्त वापस ले। इसके साथ ही वह सभी किसानों के रद्द किये गए लाइसेंस बहाल करे।’’

संभूपुरा गांव के सुखपाल जाट ने कहा, ‘‘सरकार हमारे साथ अन्याय कर रही है। यदि हम 5.9 किलोग्राम मॉरफीन प्रति हेक्टेयर का उत्पादन करने में असफल रहते हैं तो हमारा लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है।’’ उन्होंने कहा कि अफीम किसान उस पार्टी का समर्थन करेंगे जिसकी उनकी मांगों के प्रति सहानुभूति होगी। भाजपा ने चित्तौड़गढ़ से अपने मौजूदा सांसद चंद्र प्रकाश जोशी को फिर से टिकट दिया है। कांग्रेस ने गोपाल सिंह इदवा को अपना उम्मीदवार बनाया है।