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इलाहाबाद उच्च न्यायालय में लगातार तीसरे दिन भी हड़ताल जारी

प्रयागराज, दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरण करने संबंधी सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के फैसले के खिलाफ बार एसोसिएशन की हड़ताल गुरूवार को धरना प्रदर्शन करते हुए “जस्टिस वर्मा गो बैक” के नारे लगाए।

इलाहाबाद हाईकोर्ट गेट नम्बर तीन पर हुई सभा में पदाधिकारियों संग अधिवक्ताओं ने दोहराया कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का हाईकोर्ट में स्थानांतरण मान्य नहीं है। गुरूवार को अधिवक्ताओं के हड़ताल का लगातार तीसरा दिन है। अधिवक्ताओं ने कहा कि जब तक न्यायमूर्ति वर्मा के तबादले की सिफारिश कॉलेजियम द्वारा वापस नहीं ली जाती है तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

उन्होंने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की गरिमा पर कुत्सित कुठाराघात का प्रयास बर्दाश्त नहीं होगा। अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया है कि उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति “अंकल जज सिंड्रोम” से ग्रसित हैं। हाईकोर्ट को भ्रष्टाचार का अड्डा नहीं बनने देंगे।

अधिवक्ताओं के हड़ताल पर रहने से अदालतों में कामकाज नहीं हो पा रहा है। न्यायिक व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित है। प्रतिदिन करीब दस हजार मुकदमों की सुनवाई होती है लेकिन हड़ताल के कारण तीन दिन में 30 हजार सुनवाई फंसी है। नए मुकदमों की लिस्टिंग पूरी तरह ठप है। हजारों केसों में तारीख लग रही है। प्रदेश के तमाम जिलों से आने वाले वादकारी मुकदमों की सुनवाई नहीं होने के कारण परेशान हैं।

वरिष्ठ न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी के नेतृत्व में अधिवक्ता दल बुधवार को कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल से मिला। बताया जा रहा है बातचीत बहुत ही सकारात्मक रही है। श्री तिवारी गुरूवार को दिल्ली सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल से भी मुलाकात की।