इलाहाबाद, इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शिक्षक भर्ती के लिए विभागवार तैयार आरक्षण रोस्टर में गलत तरीके से बदलाव कर दिया गया। जो पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित होना चाहिए उसे अनारक्षित करते हुए भर्ती की जा रही है। निवर्तमान छात्रसंघ उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह ने इसकी शिकायत मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) से की है। शनिवार को शहर आए एमएचआरडी राज्य मंत्री महेंद्रनाथ पांडेय को भी इस बारे में ज्ञापन सौंपा गया है। ज्ञापन में शिक्षक भर्ती को लेकर कई सारे सवाल उठाए गए हैं। इसमें प्रमुख रोस्टर में बदलाव है। इविवि में शिक्षक पदों का विभागवार आरक्षण रोस्टर 2012 में बनाया गया था। कार्य परिषद से मंजूर इसी रोस्टर के मुताबिक 2012 से 2014 के बीच भर्ती की गई।
बकौल विक्रांत रोस्टर में हिन्दी विभाग का जो पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित था उसे फरवरी 2016 में विज्ञापित पद में अनारक्षित कर दिया गया है। इसी तरह कुछ और विभागों में भी आरक्षित पदों की स्थिति बदली गई है। ज्ञापन में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने रोस्टर में दिव्यांगों के पद को चिहिन्त करने के आदेश दिए हैं लेकिन इविवि में इसका पालन नहीं किया गया है। फरवरी में शिक्षकों के 290 पदों के लिए जो विज्ञापन निकाला गया है उसमें दिव्यांगों के पद चिह्नित नहीं है। दिव्यांगों को तीन प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही गई है। ज्ञापन में बैकलाग के विज्ञापन में किए गए बदलाव का मसला तो उठाया ही गया है 550 रिक्त पदों में से सिर्फ 290 पद को ही विज्ञापित करने पर भी सवाल खड़े किए गए हैं। विक्रांत का कहना है कि राज्य मंत्री महेंद्रनाथ पांडेय ने इस मसले पर शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया है।