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इशरत जहां मुठभेड़ प्रकरण में वंजारा अमीन के खिलाफ अभियोजन के लिए सीबीआई ने सरकार से मांगी इजाजत

अहमदाबाद, केंद्रीय जांच ब्यूरो ने आज गुजरात के अहमदाबाद में एक विशेष अदालत को सूचित किया कि इशरत जहां कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में दो प्रमुख आरोपी पुलिस अधिकारियों पूर्व डीआईजी डी जी वंजारा और पूर्व एसपी एन के अमीन के खिलाफ अभियोजन के लिए इसने अापराधिक प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी की धारा 197 के तहत राज्य सरकार से अनुमति मांगी है।

सीबीआई की इसी विशेष अदालत ने गत सात अगस्त को दोनो की आरोपमुक्ति अर्जियों को खारिज कर दिया था। दोनो आज भी सुनवाई के दौरान विशेष जज जे के पंडया की अदालत में उपस्थित थे। अदालत ने इस मामले में सीबीआई की ओर से मांगी गयी एक माह की मोहलत मंजूर की और अगली सुनवाई की तिथि 22 नवंबर तय की। अदालत ने श्री वंजारा और श्री अमीन की आरोप मुक्ति अर्जियों को खारिज करते हुए कहा था कि दोनो की भूमिका इस मामले में गत फरवरी माह में आरोपमुक्त किये गये पूर्व पुलिस अधिकारी पी पी पांडेय से अलग है। दोनो की इस मुठभेड़ में सीधी संलिप्तता है।

दोनो पूर्व पुलिस अधिकारियों ने इस मुठभेड़ को सही और उनके खिलाफ आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया था। उन्होंने अपने खिलाफ आरोपों को पहले आरोपमुक्त किये गये पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पी पी पांडेय के जैसा बताया था। उन्होंने 15 जून 2004 को यहां अपने पुरूष मित्र जावेद शेख उर्फ प्रणयेश पिल्लै तथा दो पाकिस्तानी नागरिकों के साथ मारी गयी मुंबई की तत्कालीन 18 वर्षीय छात्रा इशरत जहां को लश्करे तैयबा का आतंकी बताया था और कहा था कि वे सभी तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या के लिए आये थे। सीबीआई और इशरत की मां शमीमा कौशर ने उनकी अर्जियों का विरोध किया था।