श्रीहरिकोटा, भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने आज एक ही रॉकेट के माध्यम से रिकॉर्ड 104 उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण करके इतिहास रच दिया है। इन उपग्रहों में भारत का पृथ्वी पर्यवेक्षण उपग्रह भी शामिल है। यह प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से किया गया है। किसी एकल मिशन के तहत प्रक्षेपित किए गए उपग्रहों की यह अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। ध्रुवीय अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी37 ने सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से सुबह नौ बजकर 28 मिनट पर उड़ान भरी।
इसने सबसे पहले काटरेसैट-2 श्रेणी के उपग्रह को कक्षा में प्रवेश कराया और इसके बाद शेष 103 नैनो उपग्रहों को 30 मिनट में प्रवेश कराया गया। इनमें 96 उपग्रह अमेरिका के थे। अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम दिए जाने पर मिशन कंट्रोल सेंटर के वैज्ञानिकों में खुशी की लहर दौड़ गई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष एएस किरण कुमार ने घोषणा की, सभी 104 उपग्रहों को सफलतापूर्वक कक्षा में प्रवेश कराया गया। इसरो के पूरे दल को उनके द्वारा किए गए इस अद्भुत काम के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।
एक बार में सबसे ज्यादा उपग्रह प्रक्षेपित करने का श्रेय अब तक रूसी अंतरिक्ष एजेंसी के पास था। उसने एक बार में 37 उपग्रहों को प्रक्षेपित किया था। इसरो ने जून 2015 में एक मिशन में 23 उपग्रह प्रक्षेपित किए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सफल प्रक्षेपण पर इसरो दल को बधाई दी। आज के इस जटिल मिशन में 28 घंटे की उल्टी गिनती पूरी होने के बाद पीएसएलवी-सी37 ने 714 किलोग्राम के काटरेसैट-2 श्रृंखला के उपग्रह को कक्षा में प्रवेश कराया। इसके बाद उसने इसरो के नैनो उपग्रहों- आईएनएस-1ए और आईएनएस-1बी को 505 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित ध्रुवीय सौर स्थतिक कक्षा में प्रवेश कराया।