इसलिये फिल्‍म निदे्रशन में कदम नहीं रखना चाहेंगे सूरज पंचोली

 

मुंबई,  आदित्य पंचोली के बेटे सूरज पंचोली ने फिल्म हीरो के जरिए डेब्यू किया था, पर फिल्म दर्शकों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी जिससे सूरज के कॅरियर पर सवालिया निशान लग गया। हालांकि उम्मीदें अभी कायम हैं क्योंकि वे निर्देशक प्रभुदेवा की अगली एक्शन-कॉमेडी फिल्म में नजर आने वाले हैं। सवाल यह उठता है कि अगर सूरज एक्टिंग में हिट नहीं रहे, तो क्या डायरेक्शन में फिट साबित होंगे! कहने का मतलब ये है कि क्या सूरज एक्टिंग को छोड़ किसी फिल्म की डॉयरेक्शन भी करना चाहेंगे?

इस सवाल पर सूरज कहते हैं कि उन्हें निर्देशन में कोई दिलचस्पी नहीं है। हालांकि मुझमें धैर्य होने की वजह से कई लोगों ने मुझसे पूछा भी है कि क्या निर्देशन भी करेंगे, जिसमें धैर्य की बहुत जरूरत होती है लेकिन मैं फिल्म निर्देशित नहीं करना चाहता। फिल्म निर्देशन वन मैन शो होता हैं। निर्देशक को सेट के हर विभाग की हर दिन निगरानी करनी पडतीं हैं। हर दिन उन्हें आदेश देने होते हैं और ऐसा कई हफ्तों-महीनों तक करना पडता हैं। मैंने संजय सर  और कबीर सर  को ऐसा कई महीनों तक करते हुए देखा हैं।

वह दोनो काफी बारीकी से यह काम करतें हैं। कई बार तो लंच ब्रेंक के बाद सेट एकदम सुस्त हो जाता हैं। लोगों को थकान और नींद आती हैं लेकिन निर्देशक वह एकलौता शक्स होता हैं जिसे हर किसी को हर बार काम के लिए प्रोत्साहित करना पडता हैं। मैं अपने कंधों पर यह जिम्मेदारी नहीं ले सकता हूं मुझे नही लगता कि में इतने लोगों को अकेले मैनेज कर सकता हूं। 200 लोगों को लेकर बडी सी फीचर फिल्म बनाने के बजाए शायद मैं पांच लोगों को लेकर एक शॉर्ट फिल्म बनाऊं।

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