मुंबई, 2020 के रणजी ट्रॉफ़ी सीज़न में राजस्थान के ख़िलाफ़ बंगाल को जीत के लिए 127 रन चाहिए थे जब शाहबाज़ अहमद क्रीज़ पर आए। टीम ने पांच विकेट गंवा दिए थे और मैच उनके हाथ से फिसलता जा रहा था। ठीक उसी समय अपना नौवां प्रथम श्रेणी मैच खेल रहे शाहबाज़ ने निचले क्रम के साथ मिलकर टीम की नैय्या पार लगाई थी। यूं कहें कि उन्होंने बेन स्टोक्स वाली पारी खेली थी और इस पारी के बाद उन्होंने कहा था कि वह अपनी टीम के स्टोक्स बनना चाहते हैं।
शाहबाज़ की बात में आत्मविश्वास था कि वह ऐसे खिलाड़ी बनना चाहते हैं जो किसी भी परिस्थिति में टीम को मैच जिता सकें और शानदार शाहबाज़ अपने इन शब्दों पर एक बार नहीं बल्कि लगातार दो बार खरे उतरें। 30 मार्च को कोलकाता नाइट राइडर्स के ख़िलाफ़ अपने शीर्ष क्रम को सस्ते में गंवाने के बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की गाड़ी बीच मझधार में थी। तब शाहबाज़ ने आंद्रे रसल के एक ओवर में दो छक्के लगाकर मैच का रुख़ पलट दिया। मंगलवार को एक क़दम आगे बढ़ाते हुए उन्होंने ऐसी पारी खेली जिसने आरसीबी को हार के मुंह से बाहर निकाला।
राजस्थान रॉयल्स के ख़िलाफ़ लगातार गेंदों पर दो विकेट गंवाने के बाद शाहबाज़ मैदान पर उतरे थे। सामने फिरकी के जादूगर युज़वेंद्र चहल थे जो डेविड विली को क्लीन बोल्ड कर चुके थे। शाहबाज़ ने चहल की पहली लेग ब्रेक गेंद को आसानी से डिफ़ेंड कर दिया।
बंगाल के इस हरफ़नमौला खिलाड़ी ने केवल 26 गेंदों का सामना किया और चार चौके और तीन छक्कों की मदद से महत्वपूर्ण 45 रन बनाए। यह लगातार दूसरा मौक़ा था जब निचले मध्य क्रम में आकर उन्होंने अपना जलवा बिखेरा था। पिछले सीज़न तक इस बल्लेबाज़ी क्रम में शाहबाज़ का कोई निश्चित स्थान नहीं था। कभी उन्हें तीसरे नंबर पर उतारा जाता था या फिर वह सातवें नंबर पर बल्लेबाज़ी करने आते हैं। हालांकि इस सीज़न में ऐसा लग रहा है कि आख़िरकार आरसीबी ने उन्हें एक स्पष्ट भूमिका दी है।
मैच के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए शाहबाज़ ने इस बारे में कहा, ”मेरा रोल मैच की स्थिति के अनुसार बदलता रहता है। वैसे तो टीम में मेरा रोल छठे या सातवें स्थान पर बल्लेबाज़ी करने का है और मैं उसी की तैयारी कर रहा हूं।”
एक स्पष्ट भूमिका के साथ-साथ खेल में सुधार करना भी बहुत ज़रूरी है। शाहबाज़ ने अपनी बल्लेबाज़ी और ख़ास कर बड़े शॉट खेलने की कला पर काफ़ी काम किया है। जहां पिछले सीज़न में कुल 53 गेंदों का सामना करने के बाद उनके बल्ले से केवल छह बाउंड्री निकली थी, वहीं इस सीज़न के पहले तीन मैचों में वह 10 बाउंड्री लगा चुके हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो क्या पता सीज़न ख़त्म होते होते वह 50 बाउंड्री का आंकड़ा पार कर ही जाए।
पिछले दो मैचों में लगभग मैच जिताऊ योगदान देने के बावजूद शाहबाज़ इस बात से नाराज़ हैं कि वह अंत तक रहकर मैच को ख़त्म नहीं कर पाए। हर्षल पटेल से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा, ”मैं इन्हीं ग़लतियों से सीखूंगा और आने वाले मैचों में और बेहतर करने की कोशिश करूंगा।”
कोलकाता के ख़िलाफ़ ट्रेलर दिखाने के बाद शाहबाज़ ने राजस्थान रॉयल्स को थोड़ी लंबी पिक्चर दिखाई। मानो वह कह रहे हैं कि अभी सितारों से आगे जहान और भी हैं।