लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में ईको-टूरिज्म की असीम सम्भावनाओं को देखते हुये वन एवं पर्यटन दोनों विभागों को मिलकर इसके प्रोत्साहन के लिये कार्य करना चाहिए।
श्री योगी ने मंगलवार को अपने सरकारी आवास पर भारतीय वन सेवा के वर्ष 2019 बैच के अधिकारियों से मुलाकात की। इस मौके पर उन्होने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण का विषय वर्तमान में सबसे प्रमुख विषयों में से एक है। वन सेवा के अधिकारी इससे सर्वाधिक निकट से जुड़कर कार्य करते हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए वन आच्छादन बढ़ाने की जरूरत पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय वन सेवा के अधिकारियों को आमजन को स्वतः स्फूर्त भाव से वृक्षों के रोपण, सुरक्षा एवं संरक्षण से जुड़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ईको-टूरिज्म की असीम सम्भावनाएं हैं। ईको-टूरिज्म बढ़ाने के लिए वन एवं पर्यटन दोनों विभागों को मिलकर कार्य करना चाहिए। ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए मनुष्य और वन्य पशु के बीच द्वन्द्व कम करने की दिशा में प्रयास किए जाने की जरूरत है। युवा वन सेवा अधिकारियों को ऐसे अभिनव प्रयासों को आगे बढ़ाना चाहिए, जो इस दिशा में उपयोगी हो।
उन्होने कहा कि वृक्ष पर्यावरण के लिए अच्छे एवं लोक कल्याणकारी हैं। मौजूदा सरकार ने प्रदेश में पिछले पांच सालों में 100 करोड़ वृक्षारोपण किया है। वृक्षों को लगाने के साथ ही उनकी सुरक्षा भी आवश्यक है। इस सम्बन्ध में समुचित प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने 100 वर्ष से अधिक आयु के वृक्षों के संरक्षण की दिशा में पहल की है। ऐसे वृक्षों को हेरिटेज ट्री के तौर पर संरक्षित किया जा रहा है। इसे आगे बढ़ाते हुए आमजन को इससे जोड़े जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हरे वृक्षों के संरक्षण के लिए लोगों को प्रेरित किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर वन मंत्री दारा सिंह चौहान, अपर मुख्य सचिव वन मनोज सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।