ईटानगर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में नवनिर्मित दोन्यी पाेलो हवाईअड्डे का आज लोकार्पण किया।
प्रधानमंत्री ने हवाईअड्डे के साथ ही 600 मेगावाट क्षमता के कामेंग जलविद्युत संयंत्र का भी लोकार्पण किया। इस मौके पर अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ब्रिगेडियर (से.नि.) बी डी मिश्रा, मुख्यमंत्री पेमा खांडू, केन्द्रीय कानून मंत्री किरेन रिजीजू, उपमुख्यमंत्री चोना मीन भी उपस्थित थे।
अरुणाचल प्रदेश का पहला ग्रीनफील्ड हवाईअड्डा 690 एकड़ से अधिक क्षेत्र में विकसित किया गया है। इस पर 640 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आई है। 2300 मीटर रनवे के साथ हवाई अड्डा सभी मौसम में संचालन के लिए उपयुक्त है। हवाई अड्डा टर्मिनल एक आधुनिक इमारत है, जो ऊर्जा दक्षता, नवीकरणीय ऊर्जा और संसाधनों की पुनर्चक्रीकरण को बढ़ावा देती है। ईटानगर में नए हवाई अड्डे के विकास से क्षेत्र में न केवल कनेक्टिविटी में सुधार होगा बल्कि यह व्यापार और पर्यटन के विकास के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में भी कार्य करेगा, जिससे क्षेत्र के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
इस अवसर पर श्री मोदी ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा, “मैं जब भी अरुणाचल आता हूं, एक नई उमंग, ऊर्जा और नया उत्साह लेकर जाता हूं। अरुणाचल के लोगों के चेहरे पर कभी भी उदासीनता और निराशा नहीं झलकती है, अनुशासन क्या होता है? ये यहां हर व्यक्ति और घर में नजर आता है।”
उन्होंने कहा कि फरवरी 2019 में इस एयरपोर्ट का शिलान्यास हुआ था और ये सौभाग्य मुझे मिला था। इस हवाईअड्डे का उद्घाटन उन लोगों के गाल पर जोरदार तमाचा है जो दावा करते थे कि इसका शिलान्यास अरुणाचल प्रदेश के आगामी चुनावों के लिए हुआ है।
उन्होंने कहा कि हम ऐसी कार्य संस्कृति लाए हैं, जिसका शिलान्यास हम करते हैं, उसका उद्घाटन भी हम करते हैं। अटकाना, लटकाना और भटकाना वह समय चला गया। आज देश में जो सरकार है, उसकी प्राथमिकता देश का विकास है, देश के लोगों का विकास है। साल में 365 दिन, चौबीसों घंटे, हम देश के विकास के लिए ही काम करते हैं।
श्री मोदी ने कहा, “मैं यहां अरुणाचल प्रदेश में हूं जहां सूर्योदय होता है और दमन जाऊंगा जहां सूर्यास्त होता है। हम चुनावी फायदे के लिए कुछ नहीं करते। दशकों तक यह क्षेत्र पुरानी राजनीतिक पार्टियाें के बेपरवाही का शिकार रहा। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने पहली बार इस क्षेत्र के विकास के लिए अलग से मंत्रालय बनाया। दूर- सुदूर सीमा पर बसे गावों को पहले आखिरी गांव माना जाता था। लेकिन हमारी सरकार ने इन्हें आखिरी गांव, आखिरी छोर नहीं बल्कि देश का प्रथम गांव मानकर काम किया।
उन्होंने कहा, “अब संस्कृति हो या कृषि, वाणिज्य हो या कनेक्टिविटी, पूर्वोत्तर को आखिरी नहीं बल्कि सर्वोच्च प्राथमिकता मिलती है।” उन्होंने कहा कि दोन्यी पोलो हवाई अड्डा अरुणाचल प्रदेश का चौथा हवाई अड्डा होगा। आज़ादी के बाद सात दशकों में इस इलाके में केवल नौ हवाई अड्डे थे, अब बीते आठ साल में सरकार ने सात और हवाईअड्डे बनाये हैं। यह हवाईअड्डा अरुणाचल प्रदेश के अतीत और संस्कृति का साक्षी है। दोन्यी का अर्थ सूर्य और पोलो का मतलब चंद्रमा होता है।”
उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में बहुत कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में सड़कें एवं राजमार्ग बनाये जा रहे हैं। केन्द्र सरकार बुनियादी ढांचे पर 50 हजार करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है। इससे निश्चित रूप से राज्य में पर्यटन शुरू होगा और आमदनी बढ़ेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा, “देश ने 2014 के बाद हर गांव तक बिजली पहुंचाने का अभियान शुरू किया था। इस अभियान का बहुत बड़ा लाभ अरुणाचल प्रदेश के गांवों को भी हुआ है। यहां ऐसे अनेकों गांव थे, जहां आजादी के बाद पहली बार बिजली पहुंची थी। हमने पुराने उन कानूनों को बदल दिया है जिसमें बांस काटने पर प्रतिबंध था। अब आप बांस को उगा सकते हैं और उसे काट एवं बेच भी सकते हैं। बांस का व्यापार खुले बाज़ार में कर सकते हैं।”