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ईपीएफओ के सूचीबद्ध बैंकों की संख्या 32 तक पहुंची

नयी दिल्ली, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने बैंकिंग नेटवर्क का विस्तार करते हुए कर्मचारी अंशदान के संग्रह के लिए 15 अतिरिक्त बैंकों को सूचीबद्ध किया है। इसके साथ ही सूचीबद्ध बैंकों की संख्या 32 हो गयी है।

ईपीएफओ ने मंगलवार को यहां केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया और राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे की मौजूदगी में 15 अतिरिक्त सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के साथ इस आशय के समझौते किए। सूचीबद्ध नए 15 बैंक सालाना संग्रह में लगभग 12,000 करोड़ रुपये का सीधा भुगतान करने में सक्षम होंगे और इन बैंकों में अपने खाते रखने वाले नियोक्ताओं को सीधे पहुंच प्रदान करेंगे। ईपीएफओ में 17 बैंक पहले सूचीबद्ध है। अब कुल बैंकों की संख्या 32 हो गई है।

इस अवसर श्री मांडविया ने कहा कि लगभग आठ करोड़ सक्रिय सदस्यों और 78 लाख से अधिक पेंशनभोगियों के को ईपीएफओ सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करता है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में, ईपीएफओ ने रिकॉर्ड छह करोड़ से अधिक दावों का निपटारा किया, जो पिछले वर्ष (2023-24) में निपटाए गए 4.45 करोड़ दावों की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक है।

इससे पहले, ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने 236वीं बैठक में आरबीआई के साथ सूचीबद्ध सभी एजेंसी बैंकों और अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को ईपीएफओ अंशदान एकत्र करने के लिए अधिकृत अतिरिक्त बैंकों के रूप में सूचीबद्ध करने को मंजूरी दी थी।

ईपीएफओ में नये 15 बैंक एचएसबीसी बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, फेडरल बैंक, इंडसइंड बैंक, करूर वैश्य बैंक, आरबीएल बैंक, साउथ इंडियन बैंक, सिटी यूनियन बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, यूको बैंक, कर्नाटक बैंक, डेवलपमेंट बैंक ऑफ सिंगापुर, तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक, डेवलपमेंट क्रेडिट बैंक और बंधन बैंक सूचीबद्ध किये गये है। इसके अलावा 17 बैंक भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, आईडीबीआई बैंक, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, यस बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, जम्मू और कश्मीर बैंक तथा बैंक ऑफ इंडिया पहले सूचीबद्ध हैं।