Breaking News

ईवीएम पर चुनाव आयोग ने जारी किया विस्तृत वक्तव्य

evm_650x400_71473856309नयी दिल्ली , चुनाव आयोग ने पांच राज्यों की विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में कथित छेड़छाड़ को लेकर देशभर में उठे विवाद के बीच आज फिर स्पष्ट किया कि ये ईवीएम पूरी तरह सुरक्षित हैं और इनमें किसी तरह की गड़बड़ी की कोई संभावना नहीं है।
आयोग ने आज शाम इस संबंध में एक विस्तृत वक्तव्य जारी कर कहा कि इन ईवीएम को लेकर पहले भी इस तरह के विवाद उठे हैं और मामला अदालत तक पहुंचा है तथा उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों ने अपने फैसलों में ईवीएम मशीनों को पूरी तरह सुरक्षित बताया है।
गाैरतलब है कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को मिली ऐतिहासिक सफलता और अन्य राज्यों में उसके बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए बहुजन समाज पार्टीए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने भी ईवीएम मशीनों में छेड़छाड़ का आरोप लगाया। बसपा प्रमुख मायावती ने तो इस मुद्दे को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाने की धमकी दी है और कांग्रेस ने चुनाव आयोग से इसकी जांच कराने की मांग की है तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में अपनी पार्टी के खराब प्रदर्शन के पीछे ईवीएम की गड़बड़ी की आशंका जाहिर करते हुए दिल्ली के नगर निगम चुनाव में बैलट पेपर से मतदान कराये जाने की मांग की है।
आयोग ने इन पांचों राज्यों के चुनाव नतीजे आने के दिन 11 मार्च को ही बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्र की ईवीएम के बारे में की गयी शिकायत के जवाब में इन आरोपों का खंडन किया था कि ईवीएम मशीनों में किसी तरह की कोई छेड़छाड़ की गयी है।

आयोग ने अपने वक्तव्य में कहा कि ईवीएम का विचार पहली बार 1977 के दिसंबर में किया गया था और दिसंबर 1988 में जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 में संशोधन कर 61 ए के नाम से एक नयी धारा जोड़ी गई। इसमें ईवीएम का प्रावधान किया गया। यह 15 मार्च 1989 से लागू हो गया।
वर्ष 2000 से यह लोकसभा चुनावों और विधानसभा चुनावों के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा।
2001 में मद्रास उच्च न्यायालय मेंए2002 में केरल उच्च न्यायालय मेंए 2004 में दिल्ली उच्च न्यायालय और कर्नाटक उच्च न्यायालय तथा मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ में ईवीएम में गड़बड़ी के मामले की सुनवाई हुई लेकिन इन सभी न्यायालयों ने इन शिकायतों को खारिज कर दिया और ईवीएम की विश्वसनीयता की पुष्टि की। इनमें से कुछ मामलों को उच्चतम न्यायालय में भी ले जाया गया और उच्चतम न्यायालय ने भी इन मामलों को खारिज कर दिया।
साल 2009 के आम चुनाव में राजनीतिक दलों ने इस मामले को फिर से उठाया और कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसे लेकर उच्चतम न्यायालय का फिर से दरवाजा खटखटाया लेकिन न्यायालय ने इसे फिर से खारिज कर दिया।

चुनाव आयोग ने वक्तव्य में यह भी कहा कि कुछ मामलों में यह देखा गया कि जिन ईवीएम मशीनों की चोरी की गई उन्हीं में गड़बड़ी पाई ऐसा उनके साथ छेड़ छाड़ किए जाने की वजह से हुआ। आयोग का कहना है कि ये मशीनों में किसी तरह की गड़बड़ी ऐसे नहीं की जा सकती। तकनीकी रूप से यह पूरी तरह सुरक्षित बनाई गई हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *