ईवीएम में गड़बड़ी की चुनौती स्वीकार करने को चुनाव आयोग तैयार
May 6, 2017
नई दिल्ली, चुनाव आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी की जा सकने की चुनौती को स्वीकार कर इसे गलत साबित करने की तैयारी कर ली है। आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज बताया कि ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतों पर 12 मई को होने वाली सर्वदलीय बैठक के बाद आयोग राजनीतिक दलों को मशीनों में सॉफ्टवेयर से छेड़छाड़ करने के दावे को सही साबित करने का मौका देगा।
पंजाब और उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद सपा, बसपा और आम आदमी पार्टी (आप) सहित 16 दलों ने ईवीएम से छेड़छाड़ करने की आयोग से शिकायतें की थीं। इतना ही नहीं आप नेता अरविंद केजरीवाल ने ईवीएम के सॉफ्टवेयर को हैक करने की आयोग को चुनौती देते हुये उनके विशेषज्ञों को ऐसा करने का एक मौका देने की आयोग से मांग की थी।
अधिकारी ने बताया कि सर्वदलीय बैठक में अव्वल तो आयोग शिकायतकर्ता दलों को ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं कर सकने के प्रति तर्क और सबूतों से आश्वस्त करेगा लेकिन फिर भी अगर किसी के मन में कोई शक रह जाता है तो फिर इसके लिये मिलने वाली हर चुनौती को सही साबित करने का मौका दिया जायेगा। इसकी तारीख बैठक के बाद तय की जायेगी।
ईवीएम की चुनौती को स्वीकारने की कववायद की रूपरेखा से जुड़े आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि चुनौती देने वाले दल को उस मतदान केन्द, को चुनने का मौका दिया जायेगा जिसमें उसे ईवीएम के साथ छेड़छाड़ किये जाने का शक है। इसके बाद उक्त दल के प्रतिनिधि चिन्हित मतदान केन्द, की मशीनों को आयोग की अभिरक्षा में चुनाव आयोग के दिल्ली स्थित मुख्यालय लेकर आयेंगे। मशीन में दर्ज पिछले चुनाव के आंकड़ों को पार्टी के प्रतिनिधि को दिखा कर मिटा दिया जायेगा। फिर चुनौती देने वाली पार्टी के प्रतिनिधियों को मशीन में नये सिरे से मतदान करने का मौका दिया जायेगा जिससे वे यह साबित कर सकें कि उक्त मशीन में किसी एक पार्टी के ही खाते में वोट जा रहा है या नहीं। इस पूरी कवायद की वीडियो रिकॉर्डिंग भी करायी जायेगी।
इस दौरान आयोग के विशेषज्ञों की मौजूदगी में मशीन को हैक करने की बात को भी साबित करने का अवसर राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को मिलेगा। हालांकि आयोग ने ईवीएम में गड़बड़ी की चुनौती को स्वीकार करने की कवायद की अंतिम शर्त रखी है कि चुनौती गलत साबित होने पर चुनौती देने वाले राजनीतिक दल के अध्यक्ष को सार्वजनिक रूप से तत्काल देश से माफी मांगनी होगी। इस कवायद का मसौदा तैयार करने वाले अधिकारी ने कहा यह सिर्फ ईवीएम को चुनौती नहीं है बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में आस्था रखने वाले देशवासियों के विश्वास को चुनौती देने का मामला है। इसलिये आयोग ने इसे बहुत गंभीरता से लिया है क्योंकि भारतीय निर्वाचन प्रणाली से सबक लेने वाले दुनिया के अन्य देशों की भी इस चुनौती पर नजर है।