नई दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने पांच राज्यों के हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में छेड़छाड़ के आरोपों के मद्देनजर चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह केहर, न्यायमूर्ति संजय किशन और न्यायमूर्ति डी वाई चंदचूड़ की पीठ ने आज यह नोटिस अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा की याचिका पर जारी किया है। श्री शर्मा ने अपनी याचिका में दावा किया है कि हाल ही में संपन्न पांच राज्यों के विधानसभा के चुनावों में ईवीएम में छेड़छाड़ की गयी और इन मशीनों की व्यापक जांच होनी चाहिये। याचिकाकर्ता ने ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जांच विदेशी विशेषज्ञों से करवाने का अनुरोध भी किया है। शीर्ष न्यायालय ने ईवीएम मशीनों में कथित छोड़छाड़ को लेकर दायर की गयी श्री शर्मा की याचिका के संबंध में पड़ताल केन्द्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) से कराने के आग्रह को खारिज कर दिया। उनका कहना था कि न्यायालय आदेश दे कि अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर केन्द्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) इसकी जांच करे।
गौरतलब है कि हाल ही में संपन्न उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनावों के बाद बहुजन समाजवादी पार्टी की मुखिया मायावती और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरङ्क्षवद केजरीवाल समेत कई अन्य राजनीतिक दलों ने ईवीएम के साथ छेड़छाड़ का मामला उठाया था। सुश्री मायावती ने 11 मार्च को उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव के घोषित नतीजों में भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड जीत पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए आरोप लगाया था कि ईवीएम के साथ बड़े पैमाने पर छेड़छाड़ की गयी है। श्री केजरीवाल ने भी पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की हार को लेकर ईवीएम में कथित गड़बडियों को लेकर आरोप लगाये थे। उनका कहना था कि गड़बड़यिों की वजह से आप पार्टी के 25 प्रतिशत वोट कांग्रेस को हस्तांतरित करा दिये गये। उन्होंने इसके बाद दिल्ली के तीनों नगर निगमों के चुनाव मतपत्रों के जरिये कराये जाने की मांग की थी। हालांकि उनकी इस मांग को खारिज कर दिया गया। चुनाव आयोग ने मायावती के आरोपों को पूरी तरह नकारते हुए कहा है कि ईवीएम में छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। कई बार मौका दिये जाने के बावजूद अभी तक कोई ईवीएम मशीन में गड़बड़ी किया जाना सिद्ध नहीं कर पाया है।