मुंबई, दलित छात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी के करीब तीन महीने बाद उसके परिवार ने बौद्ध धर्म ग्रहण कर लिया। रोहित के परिवार ने बयान जारी कर धर्म बदलने का कारण भी बताया। उन्होने बताया कि वैसे तो हम अब तक हिंदू धर्म को मानते आए हैं, लेकिन हिंदुओं की ऊंची जातियों ने हमें परेशान किया है। इस भेदभाव ने हमें दुख दिया है। ये भी गलत है कि सरकार ने यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को रोहित की मौत का जिम्मेदार नहीं माना।
रोहित के भाई ने कहा कि वे दमनकारी जाति व्यवस्था से आजादी चाहते हैं।राजा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए सरकार पर निशाना साधते हुए उन पर लोगों का दमन करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।राजा ने समारोह में कहा, ‘‘आज से मेरी मां और मैं शर्म से आजाद रहेंगे, रोजाना के अपमान से आजाद रहेंगे, उस भगवान की पूजा करने की हीनभावना से आजाद रहेंगे जिसके नाम पर सदियों से हमारे ही लोगों को सताया जाता रहा है।’’ राजा वेमुला ने कहा, ‘‘मेरा भाई दिल से बौद्ध था, भले ही उसने इस धर्म की दीक्षा नहीं ली थी। उसने खुद अपनी जान ले ली क्योंकि दलित होने के कारण उसके साथ भेदभाव किया गया था। बौद्ध धर्म के प्रति उसके प्यार का सम्मान करते हुए हमने उसका अंतिम संस्कार बौद्ध परंपराओं के अनुसार किया था।’’ राजा ने कहा, ‘‘रोहित बौद्धवाद के बारे में काफी बात करता था। उसने कुलपति को एक पत्र भी लिखा था कि किस प्रकार परिसर में दलितों के खिलाफ भेदभाव किया जाता है। मेरी मां का मानना है कि रोहित के सम्मान में हमें बौद्ध धर्म अपनाना चाहिए।’’
आंध्र प्रदेश के गुंटूर का रहने वाला दलित स्टूडेंट रोहित सोशियोलॉजी में डॉक्टरेट कर रहा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रोहित और अंबेडकर यूनियन के पांच दलित स्टूडेंट्स पर एबीवीपी के एक एक्टिविस्ट पर पिछले साल अगस्त में हमला करने का आरोप लगा था। यूनिवर्सिटी ने शुरुआती जांच में पांचों को छोड़ दिया था। पर 21 दिसंबर को उनके हॉस्टल में जाने पर बैन लगा दिया गया। यूनिवर्सिटी के विरोध और अंबेडकर स्टूडेंट यूनियन के सपोर्ट में 10 ऑर्गनाइजेशंस ने भूख हड़ताल कर सस्पेंशन वापस लेने की मांग की थी।इसके बाद 17 जनवरी को रोहित ने फांसी लगा ली। पुलिस ने पांच पेज का सुसाइड नोट भी बरामद किया था।
डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंती के मौके पर रोहित की मां राधिका और भाई नागा चैतन्य वेमुला, जिसे राजा वेमुला के नाम से भी जाना जाता है, ने डॉ. अम्बेडकर के पौत्र प्रकाश अम्बेडकर की मौजूदगी में मंुबई मे एक समारोह में बौद्ध भिक्षुओं से ‘‘दीक्षा’’ ली।प्रकाश अम्बेडकर ने बताया कि जब वह हाल ही में हैदराबाद गये थे तो राधिका वेमुला ने उनसे संपर्क कर बौद्ध धर्म ग्रहण करने की इच्छा जताई थी। उसके बाद समारोह आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि पहली बार आजादी और रहने के तरीके को चुनौती दी जा रही है।