देहरादून, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मंगलवार को सचिवालय में गुरूद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने भेंट की। उन्होंने इस वर्ष आरम्भ हो रही श्री हेमकुंड साहिब यात्रा के पहले जत्थे को रवाना करने का अनुरोध किया।
यात्रा का पहला जत्थ 17 मई को ऋषिकेश से रवाना होगा। उन्होंने कहा कि श्री हेमकुण्ट साहिब के कपाट 20 मई को खुलेंगे। मुख्यमंत्री ने सभी को हेमकुंड साहिब की सुखद यात्रा की शुभकानायें देते हुए कहा कि हेमकुंड यात्रा के लिये यात्रा मार्ग पर सभी आवश्यक व्यवस्थायें की गई हैं।
श्री बिंद्रा ने हेमकुंड यात्रियों की सुविधा के लिये राज्य सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं के प्रति मुख्यमंत्री का आभार जताया। उन्होंने यात्रा मार्ग में गोबिन्द धाम, गोबिन्द घाट व अन्य स्थानों पर सरकार द्वारा किए गए अवस्थापना विकास कार्यों की जानकारी भी मुख्यमंत्री को दी।
उन्होंने बताया कि गुरुद्वारा में पिछले वर्ष हेलीपेड का निर्माण किया गया है, जो वर्ष 2023 में पूर्ण किया जाएगा। गोबिन्द धाम से श्री हेमकुण्ट साहिब छह किमी० के मार्ग पर रेलिंग का निर्माण किया गया। जिन जगहों पर मोड़ की चौड़ाई कम थी, उनका सुधारीकरण किया गया है। यात्रा हेतु 500 मीटर का एक अलग मार्ग का कार्य भी तेजी से चल रहा है। गोबिन्द धाम में घोड़ा पड़ाव का कार्य भी शुरू हो चुका है।
श्री बिंद्रा ने बताया कि स्वच्छता एवं स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास किया गया है। गांव पुलना जहां से पैदल यात्रा शुरू होती है. 10 किमी0 के ट्रैक पर म्यून्डार गांव में 165 मीटर लंबा पुल बनकर तैयार हो चुका है व दोनों तरफ की एपरोच रोड़ भी तैयार कर दी गई है। पुलना से गोबिन्द धाम तक के ट्रैक पर 10 रेन शेल्टर शेड बैंच लगाकर यात्रियों के बैठने के लिए तैयार किए गए हैं। उन्होंने बताया कि गोबिन्द घाट से 5 किमी0 तक का पुलना सड़क मार्ग तैयार किया गया है। पुलना गांव में टैक्सी चालकों के लिए दो अलग-अलग पार्किंग का निर्माण किया गया है।
गोबिन्द घाट गुरूद्वारा से गांव पांडुकेश्वर की ओर नदी से सुरक्षा के लिए दीवार का कार्य भी तेजी से चल रहा है। यात्रियों की गाड़ियों के लिए जिला प्रशासन द्वारा गोविन्द घाट में एक अस्थायी पार्किंग का निर्माण भी इस वर्ष किया गया है। गोबिन्द पाट गुरूद्वारा हॉस्पिटल में भी एक एक्स-रे मशीन व मोबाईल पैथोलॉजी लैब सरकार द्वारा लगाई गई है। यात्रियों के लिए शुद्ध पीने के पानी के लिए एक आर.ओ. की व्यवस्था भी की गई है। गोबिन्द घाट बस स्टैंड से गुरुद्वारा जाने के लिए जो पुराना मार्ग था उसके सुधारीकरण का कार्य भी तेजी से चल रहा है।