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उत्तर प्रदेश के प्रति निवेशकों की बदली है अवधारणा: सीएम योगी

लखनऊ,  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार अपने अब तक के छह साल के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश के प्रति निवेशकों का नजरिया बदलने में सफल रही है और इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हाल में ही संपन्न ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (जीआईएस-23) में मिले 33 लाख करोड़ रूपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव हैं।

मुख्यमंत्री योगी ने गुरूवार को विधान परिषद में बजट पर चर्चा करते हुए कहा कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य की श्रेणी में गिना जाता था। बदहाल कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार के चलते निवेशक यहां निवेश करने से कतराता था मगर 2017 के बाद परिस्थितियां बदली हैं। हमारी सरकार ने निवेश के लिये अनुकूल माहौल तैयार करने में सफलता हासिल की जिसका परिणाम है कि फरवरी 2018 में हुयी यूपी इन्वेस्टर्स समिट में 4.68 लाख करोड़ के प्रस्ताव आये वहीं 2023 में यह आंकडा 35 लाख करोड़ रूपये तक पहुंच गया।

उन्होने कहा कि दशकों से उपेक्षा का शिकार बुंदेलखंड और पूर्वांचल में मिले लाखों करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव इस बात तस्कीद करते हैं कि उत्तर प्रदेश की दिशा और दशा बदल चुकी है। प्रदेश के प्रति अवधारणा बदलने में हालांकि काफी मेहनत करनी पड़ी , पसीना बहाना पड़ा,अभियान चलाना पड़ा। सरकार ने पिछले साल में बुनियादी ढांचे की मजबूती के लिये जरूरी कनेक्टिविटी पर फोकस किया जिसका परिणाम है कि आज राज्य में देश का सबसे मजबूत एक्सप्रेसवेज नेटवर्क है। सबसे लंबी दूरी का रेल नेटवर्क है। हवाई नेटवर्क में भी हम देश् में नम्बर एक होने जा रहे हैं।

उन्होने कहा कि कानून व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिये हमने संगठित अपराध पर नकेल कसी। भूमाफिया,वन माफिया,खनन माफिया को उनकी सही जगह पहुंचाया। एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स बनाकर, 64 हजार हेक्टेयर भूमि का लैंडबैंक बनाकर भूमाफियाओं से मुक्त कराया। परिणाम हमारे सामने है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश में निवेश तो दूर की बात है, इन्वेस्टर्स समिट लखनऊ में न होकर दिल्ली और मुम्बई में होती थी, कारण पूछने पर बताया जाता था कि यूपी में निवेशक आने में कतराते हैं जब इंवेस्टर्स समिट में निवेशक आने से परहेज करता हो तो यहां कोई नओर वेश क्यों करता।

उन्होने कहा कि 2016 का बजट का आकार 3.29 लाख करोड़ रूपये का था जबकि छह साल की अवधि में आज हमने 6.90 लाख करोड़ का बजट सदन में पेश किया, जो 2016 के मुकाबले दोगुने से अधिक है। यह बजट आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते यूपी की अर्थव्यवस्था में विकास की तस्वीर पेश करता है। प्रधानमंत्री ने 2014 में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास का मंत्र दिया था। वही इस सरकार की सफलता का मूल मंत्र है। कभी प्रदेश के युवाओं के सामने पहचान का संकट था, माफिया तत्वों की समानांतर सत्ता चलती थी।

बेटियां सुरक्षित नहीं थीं, किसान आत्महत्या कर रहे थे। आज यूपी का नौजवान जहां जाता है वहां सम्मान प्राप्त करता है। प्रदेश के हर गांव, मोहल्ले, जनपद में विकास देखने को मिल रहा है।