लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि उत्तर प्रदेश की धरती जैन तीर्थंकरों की पावन भूमि रही है। अयोध्या में भगवान ऋषभदेव का जन्म हुआ, जो अयोध्या के राजा थे। अयोध्या में ही 5 तीर्थंकरों ने जन्म लिया। वहीं, काशी की धरती पर भी तीर्थंकर का जन्म हुआ है। हमारे तीर्थंकरों ने यहीं से धर्म और साधना की परंपरा को आगे बढ़ाया।
संगीत नाटक अकादमी, गोमती नगर में ‘विश्व नमोकार महामंत्र दिवस’ के अवसर पर आयोजित भव्य कार्यक्रम को संबोधित करते हुए योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिए गए प्रेरणादायक संदेश का भी उल्लेख किया। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री ने व्यवहारिक जीवन में नमोकार महामंत्र को उतारने के लिए 9 संकल्प बताए हैं, जिन्हें हर व्यक्ति को अपनाना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने भगवान महावीर जयंती की शुभकामनाएं भी दीं और जैन धर्म की अहिंसा और परोपकार की शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने नमोकार महामंत्र के महत्व को बताते हुए कहा कि यह महामंत्र भौतिक, दैवीय और आध्यात्मिक तीनों प्रकार के दुखों से मुक्ति दिलाने का साधन है। साधना, आत्मशुद्धि और लोक कल्याण की भावना से जुड़कर व्यक्ति न केवल स्वयं का कल्याण करता है, बल्कि समाज और दुनिया के लिए भी प्रेरणा बनता है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सभी 24 तीर्थंकरों का जीवन लोककल्याण के लिए समर्पित रहा है। उन्होंने अपने उपदेशों और साधना के माध्यम से जीवन जीने की एक उच्च परंपरा स्थापित की। जैन धर्म की ये शिक्षाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं। हर भारतीय को उनसे प्रेरणा लेकर अपने जीवन में अपनाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने विश्व नमोकार महामंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित भव्य कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने कहा कि पहली बार पूरी दुनिया में विश्व नमोकार महामंत्र दिवस का एक साथ आयोजन कर जैन धर्म की शिक्षाओं को वैश्विक मंच पर स्थापित किया गया है। यह सभी के लिए प्रेरणा का माध्यम बनेगा। कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी को भगवान महावीर जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और सभी से जैन धर्म के उपदेशों को आत्मसात करने की अपील की।