नई दिल्ली, संकटग्रस्त उद्योगपति विजय माल्या व ब्रिटेन की मदिरा कंपनी डियाजियो के बीच 7.5 करोड़ डाॅलर के अंतरंग समझौते के कारण यूनाइटेड स्प्रिटिस लिमिटेड (यूएसएल) के अल्पांश शेयर धारकों को नुकसान से चिंतित बाजार नियामक सेबी शीघ्र ही छोटे निवेशकों को अतिरिक्त भुगतान का आदेश दे सकता है।
यह भुगतान खुली पेशकश के जरिए किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि सेबी ने यूनाइटेड स्प्रिटिस लिमिटेड से धन के कथित हेरफेर के मामले में संकट में माल्या व छह अन्य को कल प्रतिभूति बाजार में खरीद फरोख्त या कारोबार करने से प्रतिबंधित कर दिया है। इसके साथ ही माल्या व यूनाइटेड स्प्रिटिस के पूर्व अधिकारी अशोक कपूर को किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में मुख्य प्रबंधकीय व्यक्ति (केएमपी) या निदेशक पद पर आसीन होने से भी रोक दिया गया है। सेबी यूएसएल के नियंत्रण में बदलाव की भी जांच कर रहा है। यह बदलाव डियाजियो और माल्या के बीच संपूर्ण निपटान के लिए उस अंतरंग समझौते के अनुसार हुआ जिसके तहत माल्या ने 7.5 करोड़ डालर के भुगतान पर यूएसएल सूमह की कंपनियों के निदेशक मंडल से पूरी तरह हटने पर सहमति जताई थी। सूत्रों का कहना है कि बाजार नियामक की जांच से सामने आया कि निपटान समझौते के बाद कंपनी के प्रभावी नियंत्रण में बदलाव हुआ और इससे नये प्रवर्तकों को महत्वपूर्ण स्वामित्व लाभ तथा पुराने मालिकों को मौकि फायदा हुआ। वहीं कंपनी के अल्पांश शेयरधारकों को नुकसान हुआ।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, सेबी की जांच अगले चरण में पहुंच गई है और नियामक अल्पांश शेयरधारकों को अतिरिक्त भुगतान का आदेश दे सकता है। यह भुगतान नयी खुली पेशकश के जरिए करने को कहा जा सकता है।उल्लेखनीय है कि पिछले साल जून में सेबी ने डियाजियो से कहा था कि वह अल्पांश शेयरधारकों को भुगतान करे जिन्होंने 2012 की खुली पेशकश में अपने शेयर बेच चुके थे। ऐसा इस लिए किया गया था क्यों कि माल्या समूह की एक अन्य कंपनी वाट्सन लि. की देनदारी के संबंध में बैंक गारंटी पूरा न करपाने के चलते स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक को 14.097 करोड़ डालर का भुगतान किया गया था। डियाजियो ने सेबी के निर्देश को सैट में चुनौती दी है। इसके साथ ही सेबी यूएसएल से धन के कथित हेरफेर को पकडने में कथित विफलता के लिए कुछ आडिटरों की भूमिका की भी जांच कर रहा है। सेबी ने यूएसल से धन की वसूली के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी भी मांगी है। सेबी ने कल जिन छह अन्य को प्रतिबंधित किया उनमें अशोक कपूर, पी एम मुरली, सौम्यनारायणन, एस एन प्रसाद, परमजीत सिंह गिल व एइनापुर एसआर शामिल है। सेबी यूनाइटेड स्प्रिटिस लिमिटेड (यूएसएल) में धन के कथित हेरफेर व अनुचित लेनदेन से जुड़े मामले की जांच कर रहा है। माल्या ने मार्च 2016 में यूएसएल के निदेशक व चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था।
उल्लेखनीय है केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने हाल ही में माल्या, किंगफिशर एयरलाइंस तथा नौ अन्य को 2015 के रिण चूक के एक मामले में आरोप पत्र में नामित किया है। उसके ठीक बाद सेबी ने माल्य के मामले में अपने नए आदेश जारी किए हैं। उधर माल्या ने सेबी के कल के आदेश पर हैरानी जताई है। माल्या ने एक बयान में कहा है,इस कार्रवाई से पहले न तो सेबी से कोई संवाद हुआ और न ही मैंने अपना पक्ष रखा। मैंने यूएसएल के सभी आरोपों का हमेशा पुरजोर खंडन किया है। वहीं ट्वीटर पर उन्होंने यूएसएल के धन में हेरफेर के सभी आरोपों को आधारहीन बताया। वहीं डियाजियो ने अमेरिकी सिक्युरिटीज एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) को सूचित किया है कि कंपनी व यूएसएल इन मामलों के संबंध में अधिकारियों से पूरा सहयोग कर रही है। कंपनी का कहना है कि यूएसएल ने खुद इन मामलों के बारे में बताया था। इसके साथ ही डियाजियो ने सेबी के जून 2016 के निर्देश को गलत बताते हुए कहा है कि उसने इसके खिलाफ सैट में याचिका दायर कर रखी है। मामले में अब 15 फरवरी 2017 को सुनवाई होनी है।