नयी दिल्ली,‘अम्मा’ या ‘अम्मी’ दिल से बोला जाता है जबकि ‘मॉमी’ होठों से। यह बात आज उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कही और लोगों से अपनी मातृभाषा में बोलने के लिए कहा। मशहूर संगीतज्ञ एम एस सुबुलक्ष्मी की जन्मशती के अवसर पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए नायडू ने उनसे कहा कि अपनी भाषा को मत भूलिए लेकिन कहा कि किसी विदेशी से अंग्रेजी में बात करना अच्छा है।
नायडू ने कहा, ‘‘अब हम अपनी मां को अंग्रेजी में मॉमी या पिता को डैडी बुलाते हैं लेकिन मां के लिए ‘अम्मा’ कहना कितना सुंदर लगता है, जो हमारे दिल से आता है या उर्दू में ‘अम्मी’ कहना दिल से कहा हुआ लगता है, जबकि मॉमी में अपनापन नहीं झलकता।
इसलिए हिंदी, संस्कृत, उर्दू हो या तेलुगु, हमें हमेशा अपनी मातृभाषा में बात करना चाहिए।’’ उपराष्ट्रपति बनने से पहले मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे नायडू ने इस वर्ष की शुरुआत में कहा था कि ‘राष्ट्रभाषा’ हिन्दी को सीखना आवश्यक है क्योंकि देश के अधिकतर लोग इसी भाषा में बात करते हैं।