लखनऊ, उत्तर प्रदेश में नर्सों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी है। इससे राजधानी लखनऊ सहित सूबे के सभी सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाएं चरमरा गयी हैं। इन दिनों अस्पतालों में डेंगू और मलेरिया के मरीजों की भरमार है। ऐसे में नर्सों के हड़ताल पर जाने के कारण अस्पताल प्रशासन के हाथ-पांव फूल रहे हैैं। वहीं मरीजों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नर्सें सातवें वेतनमान और नर्सिंग के पदों में पदनाम बदलने की मांग कर रही हैं। सरकार अस्पताल में एस्मा लगाने की तैयारी में है। एस्मा के बिना अस्तपतालों में मरीजों का इलाज नहीं हो सकेगा।लखनऊ के किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लोहिया चिकित्सालय, बलरामपुर, सिविल और भाऊराव देवरस अस्पताल में मरीजों का तांता लगा हुआ है। इन अस्पतालों की इमर्जेन्सी भी फुल है। ऐसे में नर्सों की हड़ताल ने मरीजों की परेशानी बढ़ा दी है। हलांकि नर्सेज संगठनों का कहना है कि हमने इमर्जेन्सी सेवाओं को हड़ताल से बाहर रखा है। हड़ताल के दौरान नर्सों ने अस्पताल परिसर में धरना प्रदर्शन किया और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की। नर्सेज संघ के महासचिव अशोक यादव का कहना है कि अगर सरकार हमारी मांगें नहीं मानी तो हम अनिश्चिकाल पर हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे।