नई दिल्ली, राम मंदिर निर्माण पर विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जल्दी सुनवाई से इनकार करते हुए भले स्वामी की अर्जी को आज खारिज कर दिया हो, लेकिन अयोध्या में राम मंदिर की सत्यता जानने की कोशिश में खुदाई करने वाली एएसआई टीम के सदस्य रहे के.के. मोहम्मद ने कहा है कि खुदाई में मंदिर होने के प्रमाण मिले थे।
एएसआई के पूर्व निदेशक (उत्तर) और अयोध्या में खुदाई करने वाली टीम के सदस्य केके. मोहम्मद ने कहा कि मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से की गई मध्यस्थता की पेशकश मुस्लिम बिरादरी के लिए इस विवाद को सुलझाने का एक सुनहरा मौका है। उन्होंने कहा कि पहली बार 1977-78 में और बाद में भी जब एएसआई की टीम ने खुदाई की तो बाबरी मस्जिद के नीचे मंदिर के प्रमाण मिले थे। उन्होंने बताया कि जल की मकरमुख वाली परनाली, शिखर के नीचे अमलका और सबसे बड़ा प्रमाण विष्णु हरि शिला फलक जो कहता है कि यह मंदिर उसका है जिसने दस शीश वाले का वध किया। उन्होंने कहा कि खुदाई में मंदिर के 14 स्तंभ भी मिले थे। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय को समझना चाहिए कि इतिहास में कई गलतियां हुई हैं और उन्हें स्वीकारने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। हालांकि मामले में पक्षकार हाजी महबूब ने के.के. मोहम्मद के बयान को खारिज करते हुए कहा कि राम के जमाने के कोई सबूत नहीं मिले हैं। बावजूद इसके वह मामले को सुलझाने के लिए बातचीत के पक्षधर हैं।