मुंबई, नोटबंदी के बाद अपने नेटवर्क में लेनदेन में अनियमितता के मद्देनजर निजी क्षेत्र के एक्सिस बैंक ने अभी तक संदिग्ध गतिविधियों के लिए अपने 24 कर्मचारियों को निलंबित किया है। इसके साथ ही बैंक ने 50 खातों पर भी रोक लगाई है। इनमें से एक मामला गुरुवार को नोएडा में सामने आया है। बैंक ने जोर देकर कहा कि जांच एजेंसियों ने उसके द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के आधार पर ही कार्रवाई की है। बैंक ने कहा कि नकारात्मक प्रचार की वजह से उसके ब्रांड पर असर पड़ रहा है। हालांकि, उसको उम्मीद है कि यह अस्थायी ही होगा।
एक्सिस बैंक के खुदरा बैंकिंग प्रमुख राजीव आनंद ने कहा कि अभी तक जांच एजेंसियों ने आठ शाखाओं की छानबीन की है। इनमें से पांच शाखाएं नयी दिल्ली की हैं। बैंक के निलंबित कर्मचारियों की संख्या पिछले सप्ताह के 19 से बढ़कर 24 हो गई है। इन निलंबन में आयकर विभाग के नोएडा शाखा में जाने का प्रभाव शामिल नहीं है। आयकर अधिकारियों ने नोएडा शाखा के 30 खातों का ब्योरा मांगा है। एक सर्राफा कारोबारी द्वारा 600 करोड़ रुपये जमा कराने के मद्देनजर आयकर विभाग के अधिकारी गुरुवार को नोएडा शाखा गए।
आनंद ने कहा कि एक्सिस बैंक जांच के दायरे में नहीं है, बल्कि हमारे साथ लेनदेन करने वाला व्यक्ति जांच के घेरे में है। उन्होंने कहा कि किसी भी मौके पर बैंक को कोई शाखा बंद करने को नहीं कहा गया। उन्होंने कहा कि खातों पर रोक अस्थायी है। बैंक कुछेक मामलों में अतिरिक्त जांच पड़ताल करता है। कई बार वह खाताधारक के पते पर भी जाता है। बैंक ने संदिग्ध खातों में लेनदेन का ब्योरा देने से इनकार किया। आनंद ने हालांकि, माना कि ज्यादातर प्रभावित खाते सर्राफा कारोबार से जुड़े हैं।