साध्ाारण सा दिखने वाला फल ‘केला’ अपने चमत्कारी गुणांे के कारण सामान्य फ्लू और एड्स जैसी गंभीर बीमारी के इलाज मंे काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
अमेरिका की मिशिगन यूनीवर्सिटी के वैज्ञानिकांे द्वारा किए गए एक शोध्ा के अनुसार केले से सामान्य फ्लू और एड्स जैसी बीमारियांे के इलाज की बात जल्द ही हकीकत मंे बदल सकती है। वैज्ञानिकांे ने केले के सभी तत्वांे को मिलाकर एक ऐसी दवा बनाई है जिससे एड्स जैसी घातक बीमारी का इलाज भी संभव हो सकता है।
वैज्ञानिकांे के अनुसार केला मंे पाया जाने वाला ‘बनाना लेक्टिक या ‘बैनलेक प्रोटीन एचआईवी की रोकथाम के लिये प्रभावकारी साबित हो रहा है। उन्हांेने कहा ”एड्स के अलावा सर्दी लगने और सामान्य फ्लू के इलाज मंे भी यह प्रोटीन मदद कर सकता है। वैज्ञानिकांे ने पांच वर्ष पहले इस प्रोटीन की खोज की थी लेकिन तब इसके कुछ हानिकारक प्रभाव भी सामने आए थे। अब इन प्रभावांे को काफी हद तक कम कर दिया गया है।“
वैज्ञानिकांे ने इस दवा का चूहांे पर प्रयोग किया, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए है। प्रयोग के दौरान यह सामने आया कि बैनलेक एचआईवी वायरस के शर्करा कणांे पर चिपक जाता है और फिर अपना प्रभाव छोड़ते हुए वायरस को तेजी से प्रतिरक्षी तंत्र से बाहर कर देता है।
वैज्ञानिक यह भी पता लगा रहे है कि क्या यह दवा इबोला और अन्य प्रकार के वायरसांे के लिए भी इतनी ही प्रभावकारी है। उन्हांेने कहा ”जब इस प्रोटीन से पूरी तरह से इलाज किया जाने लगेगा तो इससे टैमीफ्लू जैसी विषाणुरोध्ाी दवा का इस्तेमाल खत्म हो सकता है। फ्लू के प्रभाव को कम करने के लिए लाखांे लोग इसका इस्तेमाल करते है लेकिन इसके कुछ हानिकारक प्रभाव भी होते है।“