नई दिल्ली, न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री जॉन की ने कहा है कि परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदयस्ता का समर्थन करता रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बुधवार को यहां हैदराबार हाउस में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद की ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मैने एनएसजी की सदस्यता के लिए भारत के आवेदन पर चर्चा की। न्यूजीलैंड एनएसजी सदस्यों के बातचीत कर किसी निर्णय पर जल्द से जल्द पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि न्यूजीलैंड और भारत के बीच मजबूत संबंध है, चाहे वह व्यापार हो या क्रिकेट। बैठक के बाद दोनों नेताओं ने बयान जारी किया। प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने कहा कि बैठक में आतंकवाद और कट्टरपंथ से निपटने के लिए सुरक्षा और खुफिया सहयोग को मजबूत बनाने पर सहमति बनी है।
वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए आतंकवाद सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। उन्होंने कहा कि आज आतंकवाक का वित्तीय, सूचना नेटवर्क पूरी दुनिया में फैला हुआ है। राष्ट्र जो मानवता में विश्वास रखते हैं उन्हे आतंक के खिलाफ समन्वित कार्रवाई करने की जरूरत है। मोदी ने कहा कि वह एनएसजी और संयुक्त राष्ट्र परिषद में भारत की सदयस्ता का समर्थन करने के लिए न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री जॉन की के आभारी है। प्रधानमंत्री की और मैंने हमारे द्विपक्षीय संबंधों और बहुपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं पर विस्तृत विचार विमर्श किया है। व्यापार और निवेश संबंध को बढ़ावा देना हमारी बातचीत के प्रमुख क्षेत्रों में से एक रहा। हमने अपनी आर्थिक साझेदारी बढ़ाने पर विशेष रूप से चर्चा की।
खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी और कृषि और संबंधित क्षेत्रों में भी हमारे द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने की आपार क्षमता है। दोहरे कराधान से लेकर खाद्य सुरक्षा तक दोनों देशों के बीच 06 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इसमें खाद्य सुरक्षा सहयोग, दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की द्विपक्षीय वार्ता, साइबर मुद्दे पर वार्ता एवं सहयोग, युवा मामले और खेल के क्षेत्र में सहयोग, दोहरे कराधान से बचाव एवं राजकोषीय अपवंचन की रोकथाम, वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर विदेश मंत्रालय की वार्षिक विचार-विमर्श की स्थापना शामिल है।