नई दिल्ली, केंद्र सरकार के राष्ट्रीय स्ट्रीट लाइट कार्यक्रम (एसएलएनपी) के तहत देशभर में दो साल में 21 लाख पारंपरिक स्ट्रीट लाइटों के स्थान पर एलइडी स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं। एलईडी स्ट्रीट लाइटों को लगाने से हर साल 29.5 करोड़ यूनिट बिजली की बचत करने में सफलता मिली है और 73 मेगावाट से अधिक मांग में कमी आई है, जबकि कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन में कुल 2.3 लाख टन कमी आई है।
भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के तहत कार्यरत सार्वजनिक ऊर्जा सेवा कंपनी एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) देश में इस परियोजना को लागू कर रही है। इस परियोजना को अब तक 23 राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों में लागू किया जा चुका है। ईईएसएल के प्रबंध निदेशक सौरभ कुमार ने कहा, सरकार और नगर निगम हमेशा से नागरिकों के लिए सड़कों पर बेहतर प्रकाश व्यवस्था के लिए प्रयासरत रहे हैं। एलईडी स्ट्रीट लाइटें करीब 60 फीसदी तक कम ऊर्जा खपत में सड़कों को बेहतर रोशन कर सकती हैं। इसके अलावा, ईईएसएल ने चालू वित्त वर्ष में 30 लाख एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाने की योजना बनाई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 जनवरी, 2015 को देश के 100 शहरों में पारंपरिक स्ट्रीट लाइटों और घरेलू लाइटों को बदलकर ऊर्जा दक्ष एलईडी लाइटें लगाने के राष्ट्रीय कार्यक्रम की शुरुआत की थी। राष्ट्रीय स्ट्रीट लाइट कार्यक्रम (एसएलएनपी) के तहत सरकार की योजना 1.34 करोड़ पारंपरिक स्ट्रीट लाइटों को बदलकर ऊर्जा दक्ष एलईडी लाइटें लगवाने की है।