एसआईआर को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रख रही है भाजपा

लखनऊ, उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की 11 दिसंबर की बढ़ी हुई अंतिम तिथि नज़दीक आने के साथ ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूरे राज्य में अपनी संगठनात्मक गतिविधियाँ तेज़ कर दी हैं। पार्टी ने बूथ स्तर से लेकर शीर्ष नेतृत्व तक सभी इकाइयों को सत्यापन प्रक्रिया को “सर्वोच्च प्राथमिकता” देने के निर्देश दिए हैं।
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधायकों से स्पष्ट कहा है कि वे कम से कम एक सप्ताह तक सभी गैर-ज़रूरी कार्यक्रमों को किनारे रखकर पूरी तरह एसआईआर अभ्यास में जुट जाएं। उन्होंने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसी भी कीमत पर “घुसपैठिए” और “गैर-कानूनी मतदाता” मतदाता सूची में न बने रहें। पार्टी इकाइयों से ऐसे नामों को तुरंत चिन्हित कर हटाने के लिए कहा गया है।
पिछले हफ्ते पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में योगी ने कहा था कि जब विपक्ष इस प्रक्रिया का विरोध कर रहा था, उसी समय उसके कार्यकर्ता ज़मीन पर सक्रिय होकर नए नाम जुड़वा रहे थे और “लाखों फर्जी वोटर” पकड़े गए थे।
बीते दिनों राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बी.एल. संतोष के साथ हुई बैठक में भी एसआईआर प्रमुख मुद्दा रहा। फील्ड सुपरविजन को मज़बूत करने के लिए दोनों उपमुख्यमंत्रियों को 25-25 ज़िलों की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा मंत्रियों और वरिष्ठ पदाधिकारियों को भी विशेष क्षेत्रों की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है, ताकि सत्यापन में शत प्रतिशत सटीकता सुनिश्चित की जा सके।
प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और अन्य वरिष्ठ नेता अमेठी, रायबरेली जैसे राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ज़िलों में लगातार दौरे कर रहे हैं और जिला इकाइयों के साथ बैठकें कर प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं। भाजपा ने अपने पन्ना प्रमुखों और बूथ स्तर की टीमों को सक्रिय कर दिया है। इन्हें घर-घर संपर्क अभियान चलाने, हटाने के लिए चिह्नित वोटरों की मदद करने तथा पुनरीक्षण के दौरान फैलने वाली गलत सूचनाओं का जवाब देने के निर्देश दिए गए हैं।
पार्टी ग्रामीण और अर्ध शहरी इलाकों में विशेष रूप से सतर्क है, जहाँ पलायन के चलते बड़ी संख्या में विलोपन प्रस्ताव आ सकते हैं। ऐसे प्रत्येक मतदाता की व्यक्तिगत रूप से पुष्टि करने के निर्देश दिए गए हैं।
उधर समाजवादी पार्टी, जो एसआईआर अभ्यास की खुलेआम आलोचना कर रही है, ने भी अपनी तैयारियाँ तेज़ कर दी हैं। पार्टी ने बूथ स्तर एजेंट्स (बीएलए) का बड़ा तंत्र सक्रिय किया है और घर-घर जाकर मॉनिटरिंग के लिए कैडर तैनात किए हैं। जिला इकाइयों को सख्त निर्देश दिया गया है कि कोई भी “वफादार वोटर” लिस्ट से न हटे, बल्कि नए पात्र वोटरों को अधिक से अधिक जोड़ा जाए।
राज्य में दोनों प्रमुख दलों की तेज़ हुई गतिविधियों से एसआईआर प्रक्रिया को लेकर राजनीतिक सरगर्मी और बढ़ गयी है। अब निगाहें 11 दिसंबर की अंतिम समय-सीमा और मतदाता सूची के अंतिम स्वरूप पर टिकी हैं। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हीरो वाजपेयी ने कहा है कि एस आई आर एक सघन अभियान है जिसमें सबको शामिल होना चाहिए। विपक्ष बिना वजह भ्रम फैलाने में जुटा हुआ है। सरकार अपनी मंशा स्पष्ट कर चुकी है कि घुसपैठिया को पहचान करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।





