नयी दिल्ली,भारत में अभी करीब दो लाख एसी सर्विस तकनीशियन हैं लेकिन अगले 20 वर्षाें में देश में कूलिंग की मांग में होने वाली आठ गुना वृद्वि के मद्देनजर सर्विस तकनीशियनों की मांग में उसी के अनुरूप बढ़ने की संभावना जतायी गयी है।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय जारी एक रिपोर्ट के अनुसार 20 सालों में भारत में कूलिंग की मांग 8 गुना बढ़ने का अनुमान है, इस दौरान सिर्फ इमारतों में कूलिंग की मांग 11 गुना बढ़ जाएगी। महामारी के चलते आज लोग ज़्यादातर समय घर पर ही बिता रहे हैं, ऐसे में एयर कंडीशनर की नियमित सर्विस और रखरखाव की ज़रूरत भी बढ़ गई है। इन सब कारकों के चलते एयर कंडीशन और रेफ्रीजरेशन क्षेत्र में कुशल तकनीशियन की मांग बढ़ रही है।
एसी एवं कूलिंग विशेषज्ञों की बढ़ती मांग को पूरा करने और इस क्षेत्र में रोज़गार के अवसरों को बढ़ाने के लिए जॉनसन्स कंट्रोल्स- हिताची एयर कंडीशनिंग इंडिया लिमिटेड नवीनतम कौशल विकास पहलों पर निरंतर काम कर रहा है और तकनीशियनों को एसी रिपेयर एवं रखरखाव में विश्वस्तरीय तकनिकी प्रशिक्षण दे रहा है। अपनी सीएसआर पहल के तहत कंपनी देश भर के युवाओं को विश्वस्तरीय प्रशिक्षकों एवं विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए पाठ्यक्रम के माध्यम से प्रशिक्षण दे रही है।
ये प्रशिक्षण आन्ध्र प्रदेश के 5 कौशल विकास केन्द्रों और गुजरात के 1 कौशल विकास केन्द्र में दिए जा रहे हैं। देश के चारों महानगरों में मौजूद अपने आधुनिक इंजीनियरिंग एक्सीलेन्स सेंटरों के ज़रिए कंपनी ने 2025 तक 50,000 से अधिक विश्वस्तरीय तकनीशियनों एवं कूलिंग विशेषज्ञों के निर्माण का लक्ष्य तय किया है। कोविड-19 महामारी के बीच एयर कंडीशनिंग एवं रेफ्रीजरेशन के क्षेत्र में कौशल विकास को सुनिश्चित करने के लिए कंपनी ने वर्चुअल स्किल-बिल्डिंग रूट को अपनाया है। कंपनी ने कौशल विकास के लिए वर्चुअल पाठ्यक्रम तैयार किया है और कौशल विकास केन्द्रों एवं आईटीआई संस्थानों में ऑनलाईन कक्षाओं का आयोजन कर रही है। बड़ी संख्या में ग्रामीण उम्मीदवार अपने घर बैठे मोबाइल फोन के ज़रिए इन कक्षाओं में हिस्सा लेते हैं, क्योंकि उनके पास लैपटॉप या कम्प्यूटर नहीं हैं। अब तक 1500 से अधिक छात्र इन ऑनलाईन कक्षाओं का लाभ उठा चुके हैं।