लखनऊ, त्यौहारी मौसम में सब्जियों के दाम में तेजी के मामले में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ ने देश के अनेक शहरों को पीछे छोड़ दिया। उद्योग मण्डल एसोचैम के एक ताजा अध्ययन में यह दावा किया गया है।
समाजवादी पार्टी की, मेयर पद के प्रत्याशियों की एक और सूची जारी
महापुरुषों को याद रखने का अखिलेश यादव ने बताया ये नया तरीका……….
एक बार फिर छलकी अखिलेश यादव की दरियादिली……….
एसोचैम के आर्थिक अनुसंधान ब्यूरो द्वारा किये गये अध्ययन में पाया गया है कि दशहरा और दीपावली के त्यौहारों के दौरान बढ़ी मांग के मद्देनजर इस महीने देश के विभिन्न 25 प्रमुख शहरों में सब्जियों के थोक और खुदरा दाम बहुत तेजी से चढ़े। दाम में सबसे ज्यादा तेजी लखनऊ में देखी गयी। सितम्बर में जहां लखनऊ में सब्जियों के दाम में 52 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हुई, वहीं अक्तूबर में दीपावली के आसपास यह वृद्धि 71 फीसद तक पहुंच गयी।
अखिलेश यादव ने कुछ इस तरह दी सरदार पटेल को श्रद्धांजलि……..
आज सरदार पटेल की जयंती, अखिलेश यादव सामाजिक न्याय पर देंगे खास संदेश
आम आदमी पार्टी पर रुपये लेकर प्रत्याशी बनाने का आरोप, आपस मे भिड़े कार्यकर्ता
एसोचैम के राष्ट्रीय महासचिव डी. एस. रावत ने कहा कि मूलभूत ढांचागत सुविधाओं की कमी के वजह से उत्पादन की आवक के दौरान भारी मात्रा में सब्जियां बर्बाद हो जाती हैं। त्यौहारी मौसम में मांग के उच्चतम स्तर पर पहुंच जाने की वजह से सब्जियों के दाम खासे बढ़ जाते हैं।
जानिये, एक आईपीएस अफसर कितने साल की सर्विस मे, कितने अरब की बनाता है प्रापर्टी ?
पूर्व पीएम ने नोटबंदी को बताया संगठित लूटपाट व कानूनी डाका, कांग्रेस ने की विरोध की तैयारी
आम आदमी पार्टी ने दिया, कुमार विश्वास को जोर का झटका…
अध्ययन में पाया गया है कि लखनऊ में सितम्बर में जहां 28400 मैट्रिक टन सब्जी बाजारों में बिकने के लिये आयी थी, वहीं अक्तूबर में इसमें भारी गिरावट आयी और यह 18300 मैट्रिक टन ही रही। सितम्बर में शहर में सब्जियों का थोक दाम 2263.8 रुपये प्रति क्विंटल था, जो अक्तूबर में बढ़कर 3877.3 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।
इसी तरह सितम्बर में राजधानी में सब्जियों का खुदरा दाम 3145.3 रुपये प्रति क्विंटल था, जो अक्तूबर में बढ़कर 3302.9 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।
यूपी नगर निकाय चुनाव के लिए आप ने जारी किया घोषणा पत्र
छात्रों के बीच से मोदी-मैजिक समाप्त, यूपी मे अखिलेश का जादू सर चढ़ा, 10 मे से 9 यूनिवर्सिटी मे भाजपा हारी
नगर निकाय चुनाव के लिये, अखिलेश यादव की है ये रणनीति…
रावत ने कहा कि सब्जियों की सही पैकिंग नहीं होने, वातानुकूलित परिवहन वाहनों की कमी, कोल्ड चेन सुविधाओं की कमी, खाद्य प्रसंस्करण की पुरानी तकनीक तथा ऐसे ही अन्य कई कारणों से देश के ज्यादातर हिस्सों में कृषि उत्पादों का एक बड़ा हिस्सा खराब हो जाता है।उन्होंने कहा कि फलों तथा सब्जियों की आपूर्ति श्रंखला प्रबन्धन को आपूर्ति के हर चरण में सुधारने की जरूरत है। इसके लिये केन्द्र तथा राज्य सरकारों को इस क्षेत्र में निजी पक्षों को भी शामिल करना चाहिये।