नई दिल्ली, फिल्म ‘पदमावती’ के सेट पर निर्देशक संजय लीला भंसाली से झड़प होने से एक बार फिर सुर्खियों में आयी राजपूत करणी सेना ने ऐतिहासिक फिल्मों की शूटिंग शुरू होने से पहले उसकी पटकथा को इतिहासकारों और स्थानीय प्रशासन को दिखाये जाने की मांग की है। इस मामले में करणी सेना सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों से भी मुलाकात करेगी। करणी सेना के संस्थापक लोकेन्द्र सिंह कालवी ने कहा कि करणी सेना राजस्थान से जुड़ी किसी भी ऐतिहासिक फिल्म में अगर तथ्यों से छेड़छाड़ से हुई तो करणी सेना उसका पुरजोर तरीके से विरोध करेगी।
मांग की कि ऐतिहासिक फिल्मों की शूटिंग शुरू होने से पहले फिल्म की कहानी जहां की है, वहां की स्थानीय इतिहासकारों और पत्रकारों को उसकी पटकथा दिखायी जाये। केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड यानी सेंसर बोर्ड से पास फिल्म बनने के बाद जाती है और तब तक निर्माताओं का काफी पैसा फिल्म में लग चुका होता है। इसलिये करणी सेना की मांग है कि फिल्म की शूटिंग शुरू होने से पहले उसकी पटकथा की स्क्रीनिंग स्थानीय इतिहासकारों और पत्रकारों को दिखा कर प्रशासन से मंजूरी ली जाये। कालवी ने कहा कि अपनी मांगों के साथ वह जल्द ही सूचना एवं प्रसारण मंत्री और दूसरे संबंधित लोगों से मिलेंगे।
‘पदमावती’ का विरोध उन्होंने इसलिये किया था क्योकि फिल्म में तथ्यों से छेड़छाड़ की जा रही है, मनोरंजन के नाम पर फिल्म में ऐसा कुछ परोसा जा रहा था जिसमें कोई सच्चाई नहीं थी और इससे राजस्थान तथा राजपूतों की अस्मिता प्रभावित होती। उन्होंने दावा किया फिल्म से जुड़ी उनकी तीनों मांगों को संजय लीला भंसाली ने मान लिया। कालवी ने कहा कि इतिहास से छेड़छाड़ करने के कारण ही करणी सेना ने ‘जोधा अकबर’ को राजस्थान में रिलीज नहीं होने दिया और फिर ऐसे ही कोशिश ‘पदमावती’ के साथ की जा रही है।
‘पदमावती’ में अल्लाउद्दीन खिलजी की भूमिका निभा रहे रणवीर सिंह ने अपने एक साक्षात्कार में कहा था कि फिल्म में पदमावती का किरदार निभा रही दीपिका पादुकोण से उनके अंतरंग दृश्य हैं, जिसके बाद उन्होंने इस मामले में भंसाली से बार-बार स्पष्टीकरण मांगने के बाद भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया, तब करणी सेना के लोग फिल्म के सेट पर पहुंचे। फिल्म के सेट पर करणी सेना के लोग भंसाली से मिलना चाहते थे लेकिन उन्हें हवाई फायरिंग कर के डराने की कोशिश की गयी जिसके बाद सेना के कार्यकर्ता उग्र हो गए थे।