नई दिल्ली, ऑनलाइन और टेलीशॉपिंग खरीदारों की बढ़ती शिकायतों का संज्ञान लेते हुए उम्मीद की जा रही है कि संसद के अगले सत्र में नया उपभोक्ता संरक्षण विधेयक पारित किया जाएगा। एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इसमें उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए सारे जरूरी प्रावधान होंगे। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक अधिकारी ने अपना नाम न बताने की शर्त पर बताया कि इस विधेयक के दायरे में ऑफ लाइन, ऑन लाइन, इलेक्ट्रॉनिक माध्यम, टेलीशॉपिंग या बहुस्तरीय मार्केटिंग जैसे सभी माध्यमों के लेन-देन आएंगे। अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय एक विशेषज्ञ समिति बनाने पर भी विचार कर रहा है जो उपभोक्ता के हितों को मजबूत करने के उपायों का सुझाव देगी। खासकर, उनके लिए जो ई-कामर्स के जरिए खरीदारी करते हैं।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने ऑनलाइन और टेलीशॉपिंग करने वालों को देरी से या सामान नहीं मिलने की बढ़ती शिकायतों का भी संज्ञान लिया है। अधिकारी ने कहा, सरकार ऑनलाइन और टेलीशॉपिंग खरीदारों की शिकायतों के निवारण के लिए बहुत इच्छुक है। उपभोक्ता संरक्षण विधेयक (इस विधेयक को लोकसभा में 10 अगस्त 2015 में पेश किया गया था) बाजार में आए बदलावों की वजह से उपभोक्ता संरक्षण के दायरे को बढ़ाना और आधुनिक बनाना चाहता है। प्रस्तावित कानून के मसौदे में उपभोक्ताओं को परेशान करने वाले निर्माताओं या विक्रेताओं के खिलाफ पर्याप्त दंड के प्रवाधान करने की संस्तुति करने की भी बात कही गई है। संसदीय समिति इस विधेयक की जांच कर रही है।
प्रस्तावित कानून में जीवन एवं संपत्ति के लिए नुकसानदेह वस्तुओं एवं सेवाओं की मार्केटिंग के खिलाफ उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा सुनिश्चित करने का भी प्रावधान है। उपभोक्ताओं को गुणवत्ता, मात्रा, शुद्धता, असर, स्तर और वस्तु एवं सेवा का मूल्य जानने का हक होगा। इसके तहत जो कदम उठाए जाने की परिकल्पना की गई है, उसके अनुसार उपभोक्ता के अधिकारों को बढ़ावा देने, उनकी रक्षा करने और लागू करने के लिए एक केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) का गठन किया जाएगा। मंत्रालय की सलाहकार संस्था केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण परिषद की एक बैठक में विशेष रूप से ई-कॉमर्स के खरीददारों को निम्नस्तरीय वस्तुओं की आपूर्ति करने की शिकायतों का मुद्दा प्रमुखता से उठा।
बैठक में अन्य लोगों के अलावा खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान भी मौजूद थे। मंत्रालय दिल्ली जल बोर्ड द्वारा देश की राजधानी में की जा रही जलापूर्ति की शुद्धता का मामला भी संभवतः उठाने वाला है। मंत्रालय ने आम लोगों से आग्रह किया है कि वे बोतलबंद पीने का पानी अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक कीमत में बेचे जाने की स्थिति में शिकायत करें।