ऑपरेशन कन्विक्शन:यूपी सरकार ने एक साल में दिलाई 97 हजार से अधिक को सजा

लखनऊ, अपराध पर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत उत्तर प्रदेश सरकार के ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ ने महज एक साल में 97,000 से ज्यादा लोगों को सजा दिलाई है। तीन नए आपराधिक कानूनों के तेजी से क्रियान्वयन और 457 प्रमुख मामलों की तेजी से सुनवाई ने इस अभियान को और मजबूत किया है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में वाराणसी में मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में इन प्रयासों की सराहना की।
एडीजी अभियोजन दीपेश जुनेजा ने शनिवार को कहा कि यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में तीन नए आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन से न केवल उत्तर प्रदेश अपराध मुक्त हो रहा है, बल्कि पूरे देश के लिए एक अनुकरणीय मॉडल भी स्थापित हो रहा है।

उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में नए कानूनों के तहत दर्ज 457 मामलों में सजा मिली है। इनमें 4 अपराधियों को मृत्युदंड, 10 को आजीवन कारावास, 425 अपराधियों को 20 वर्ष से कम कारावास तथा 19 व्यक्तियों को 20 वर्ष से अधिक कारावास की सजा शामिल है।

इन मामलों में अभियोजन पक्ष ने साक्ष्य तथा गवाहों की गवाही प्रभावी ढंग से प्रस्तुत की, न्यायिक प्रक्रिया को सुदृढ़ तथा त्वरित करने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) के प्रावधानों का पूर्ण उपयोग किया। योगी सरकार ने गवाहों की सुरक्षा, व्यवस्थित साक्ष्य संकलन तथा समय पर न्यायालय में उपस्थिति सुनिश्चित की, जो निष्पक्ष सुनवाई के सभी आवश्यक तत्व हैं।

एडीजी ने कहा कि 01 जुलाई 2024 से अब तक पूरे प्रदेश में 25,000 मामलों की सुनवाई में डिजिटल दस्तावेजीकरण तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गवाहों के बयानों का प्रभावी उपयोग हुआ है। इससे पुलिस तथा सरकारी गवाहों को बार-बार न्यायालय में उपस्थित होने की आवश्यकता काफी कम हो गई है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य सरकार को अनुमानित 25 करोड़ रुपये की लागत की बचत हुई है।

उन्होंने बताया कि बदायूं के बिल्सी थाने में दर्ज मुकदमा संख्या 394/2024 में आरोपी जाने आलम को बीएनएसएस प्रावधानों के तहत मृत्युदंड और 2.3 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया। इसी तरह हाथरस के कोतवाली थाने में दर्ज मुकदमा संख्या 26/2025 में आरोपी विकास और लालू पाल को मृत्युदंड और 80,000 रुपये जुर्माना लगाया गया। कानपुर देहात के भीमगंज थाने में दर्ज एक अन्य मामले (224/2024) में आरोपी दीपू को मृत्युदंड और 10 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया।

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