Breaking News

ओडिशा – भाजपा नेतृत्व को लेकर कशमकश, धमेन्द्र प्रधान दौड़ में सबसे आगे

भुवनेश्वर,  भारतीय जनता पार्टी  ने ओडिशा में 17 साल से सत्तारूढ़ बीजू जनता दल के सत्ता विरोधी प्रभाव के सहारे 2019 के विधानसभा चुनावों में इस राज्य में सत्ता में आने का लक्ष्य निर्धारित किया है लेकिन उसके समक्ष नेतृत्व के चयन को लेकर समस्या आ रही है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से अस्पष्ट संकेत है कि पेट्रोलियम मंत्री और पार्टी के तेज तर्रार नेता धमेन्द्र प्रधान उनकी नजर में सबसे आगे है।

पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और कुछ नेता श्री प्रधान को सक्षम मंत्री मानते है लेकिन पार्टी के कुछ अन्य नेता इसे खुशी खुशी स्वीकार नहीं कर पा रहे है। लम्बे समय से भगवा पार्टी में निचले स्तर पर काम कर रहे और इस राज्य के भाजपा के एकमात्र सांसद एवं आदिवासी कल्याण मंत्री जुएल उरांव को भी नेतृत्व को लेकर आपत्ति है और उनका मानना है कि राज्य में मुख्यमंत्री पद के पांच से सात दावेदार हो सकते है। श्री उरांव के वक्तव्य को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि भाजपा श्री प्रधान को ही मुख्यमंत्री का उम्मीदवार पेश करने के पक्ष में है।

श्री प्रधान भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की यहां चल रही दो दिवसीय बैठक के आयोजन में प्रमुख भूमिका निभा रहे है। श्री प्रधान को कल नाल्को के 198वें मेगावाट के पवन ऊर्जा संयंत्रों को राष्ट्र को समर्पित करने के कार्यक्रम में आना था लेकिन पार्टी की व्यस्तताओं के कारण वह इसमे शामिल नहीं हो सके। ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने उनकी अनुपस्थिति पर सफाई देते हुए कहा था कि वह बहुत ही सक्षम मंत्री है लेकिन पार्टी कार्यकारिणी की बैठक का दायित्व दिये जाने के कारण उनकी व्यस्तता बढ़ गयी है और वह इस कार्यक्रम में नहीं आ पाये है। श्री उरांव इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।

बीजद के नेताओं का मानना है कि भाजपा के राज्य नेतृत्व की रणनीति को वह अच्छी तरह समझते है लेकिन श्री प्रधान मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की कद्दावर छवि की तुलना में कहीं नहीं टिक पाते है। बीजद से भाजपा में आये विजय महापात्रा भी पार्टी नेतृत्व के संकेतों से खुश नहीं लग रहे है। भाजपा के एक अन्य नेता दिलीप राय भी इन संकेतों को सही नहीं मान रहे है। श्री प्रधान का मंत्रालय ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों को खाना पकाने के गैस कनेक्शन की सुविधा मुफ्त उपलब्ध कराने का कार्यक्रम चला रहा है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत इस कार्यक्रम को ओडिशा के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावशाली ढःग से लागू किया गया है और राजनीतिक क्षेत्रों में माना जाता है कि राज्य के हाल के नगर निकाय चुनाव में पार्टी को जो बड़ी कामयाबी मिली है उसके पीछे इस योजना का महत्वपूर्ण योगदान है।