ओलंपिक आयोजन के बजाय पैसा अन्य बेहतर चीजों पर ख़र्च हो- हैम्बर्ग

After-Germany-Olympicsजर्मनी के शहर हैम्बर्ग में हुए जनमत संग्रह में 51.6 वोटरों ने शहर में ओलंपिक खेल कराने के विरोध में अपना मत दिया। खेलों के लिए ना कहने वाले दल का कहना है कि जो पैसा ओलंपिक खेलों के आयोजन पर खर्च होगा, उसे अन्य बेहतर चीजों पर ख़र्च किया जा सकता है। जर्मन ओलंपिक अधिकारियों ने ओलंपिक की मेज़बानी के लिए राजधानी बर्लिन को छोड़ हैम्बर्ग का नाम आगे बढ़ाया था।जर्मनी के शहर हैम्बर्ग ने 2024 के ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों की मेज़बानी करने के विरोध में वोट दिया है। हैम्बर्ग उन पांच शहरों में शामिल था जो इन खेलों की मेज़बानी प्राप्त करने के लिए स्टेडियम में थे। अन्य चार शहरों में रोम, पैरिस, बुडापेस्ट और लॉस एंजलिस के नाम सम्म्ािलत है।

जर्मनी ने पिछली बार 1972 में ओलंपिक खेलों की मेज़बानी की थी। बर्लिन में भी मतदाताओं ने दो साल पहले 2022 के शीत ओलंपिक खेलों की मेज़बानी के अवसर को ठुकरा दिया था। हालांकि जर्मन शहर कील में रविवार को हुए जनमत संग्रह में दो तिहाई मतदाताओं ने ओलंपिक की मेज़बानी के हक़ में अपना वोट दिया। अगर हैम्बर्ग में ओलंपिक होते तो नौकायन की स्पर्धाएं कील शहर में होती। वैसे, छोटे समझे जाने वाले शहर कील में सिर्फ़ 32 प्रतिशत मतदाताओं ने ही जनमत संग्रह में हिस्सा लिया।
वहीं हैम्बर्ग में 50 प्रतिशत यानी साढ़े छह लाख मतदाताओं ने जनमत संग्रह में हिस्सा लिया। हैम्बर्ग के मेयर ओलाफ़ शॉल्ज़ जनमत संग्रह के परिणाम काफी दुखद है। उन्होंने कहा कि ये ऐसा फैसला है जो हम नहीं चाहते थे लेकिन फैसला बहुत साफ़ है। अब 2024 के ओलंपिक खेलों के लिए बाक़ी चार शहरों में हो सकते है।

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