सहारनपुर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में गुरुवार को कई स्थानों पर हुयी भारी ओलावृष्टि और बारिश से दलहन और तिलहन की फसलें खासी प्रभावित हुयी वहीं तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई।
जिले के विभिन्न स्थानों से मिली सूचना के मुताबिक बेहट, छुटमलपुर, चिलकाना, पठेड़ एवं अन्य एक दर्जन स्थानों पर ओलावृष्टि के साथ बारीश हुई।
कृषि विज्ञान केंद्र सहारनपुर के प्रभारी एवं कृषि वैज्ञानिक डा. इंद्रकुमार कुशवाहा ने बताया कि ओलावृष्टि से तिलहन की फसल यानी सरसो को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने बताया कि सरसों की फलियों में दाना पक गया था। ओलावृष्टि से उसे नुकसान पहुंचा है। तिलहन और दलहन की फसलें बहुत ही संवेदनशील होती हैं। ओलावृष्टि से चना और मसूर की फसल को भी नुकसान पहुंचा है और गेहूं की अगेती बुआई वाली फसलों को भी ओलावृष्टि से नुकसान पहुंचने की आशंका है।
डा. कुशवाहा ने बताया कि सामान्य बारिश आमतौर से फसलों के लिए बेहतर और लाभदायक है। इस बारिश से ओलावृष्टि से होने वाले नुकसान में कुछ कमी आएगी। सामान्य बारीश से तापमान सामान्य हो जाता है। इससे फसलों को ओलावृष्टि से होने वाला नुकसान कम हो जाता है।
गौरतलब है कि वर्ष 2024 में जनवरी का महीना पूरी तरह से बिना बारिश के बीता और 74 सालों के बाद जनवरी सबसे ज्यादा ठंडी रही। इससे पहले वर्ष 1951 में ऐसी सर्दी पड़ी थी और पहली बार जनवरी का महीना ऐसा गुजरा जब बिल्कुल भी बारिश नहीं हुई। इससे पहले यह स्थिति 2016 में हुई थी। मेट्रो लोजीकल डिपार्टमेंट के मुताबिक ओलावृष्टि और बारीश से तापमान 21.4 से गिरकर 18.6 डिग्री हो गया। लेकिन अच्छी बात यह रही कि बारीश होने से प्रदूषण और कोहरे से निजात मिली है। अगले दो-चार दिन में मौसम साफ और थोड़ा गर्म रहने की भविष्यवाणी मौसम विभाग द्वारा की गई है।