लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि औद्यानिक फसलों एवं खाद्य प्रसंस्करण के माध्यम से किसानों की आय बढ़ायी जा सकती है। योगी ने कहा कि इस क्षेत्र में रोजगार की अपार सम्भावनाएं एवं अवसर मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की अधिक से अधिक स्थापना सुनिश्चित की जाए। आलू के सम्बन्ध में अभी से तैयारी कर कार्ययोजना बना ली जाए, जिससे किसानों और आलू उत्पादकों को समस्याओं का सामना न करना पड़े।
मुख्यमंत्री बुधवार शाम यहां लोक भवन में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के प्रस्तुतिकरण के अवसर पर अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा लागू की जा रही सभी योजनाओं एवं कार्यक्रमों का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए। बागवानी विकास के लिए अनुदान दिए जाने की व्यवस्था का लाभ किसानों को हर हाल में दिलाया जाए।
उन्होंने ‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना’ के तहत ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई से ज्यादा से ज्यादा किसानों को आच्छादित किए जाने के भी अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने पौध एवं बीज उत्पादन के लिए ढांचागत विकास, फल-पुष्प एवं मसाला क्षेत्र विस्तार, बागों के जीर्णोद्धार, सेण्टर ऑफ एक्सीलेन्स, बागवानी में आधुनिकता, मानव संसाधन विकास तथा पोस्ट हार्वेस्ट प्रबन्धन की दिशा में कार्य किए जाने के निर्देश दिए।
इस मौके पर राज्य के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के प्रमुख सचिव सुधीर गर्ग ने मुख्यमंत्री को विभागीय कार्यों, उपलब्धियों एवं प्रस्तावित कार्यक्रमों के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण देते हुए बताया कि प्रदेश में सब्जियों का उत्पादन देश में सर्वाधिक है। इसी प्रकार देश का 24 प्रतिशत आम, 17 प्रतिशत अमरूद एवं 40 प्रतिशत आंवला प्रदेश में उत्पादित होता है। योजनाओं में लाभार्थियों को पारदर्शी व्यवस्था के तहत डीबीटी के माध्यम से वित्तीय सहायता सीधे लाभार्थी के खाते में अंतरित की जा रही है। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, दुग्ध विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, पशुधन मंत्री एसपी सिंह बघेल, उद्यान मंत्री दारा सिंह चौहान, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस पी गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।